झाबुआ

आओ पता लगाए :-आखिर क्यों सीएमएचओ ठेकेदार कटारिया और कर्मचारी मनीष हैं मेहरबान…और व्यवस्थाओं पर नही हैं ध्यान….?

Published

on

झाबुआ -जिले के मुख्य चिकित्सा एव स्वास्थ्य अधिकारी का ध्यान जिला चिकित्सालय की व्यवस्थाओं पर कम और ठेकेदार कटारिया और कर्मचारी मनीष पर अधिक है । जिले में सीएचएमओ ठेकेदार कटारिया को उपकृत करने के लिए सारे नियम कायदों को ताक में रखकर , जेम पोर्टल के माध्यम से, सामग्री खरीदी कर , बजट को किस तरह विशेष फर्म के लिए उपयोग किया जाए, इस हेतु मनीष द्वारा संपूर्ण सहयोग किया जा रहा है । स्वास्थ्य विभाग में सीएचएमओ और मनीष की जुगलबंदी ने सारे रिकॉर्ड तोडते हुए, स्वास्थ्य विभाग का बजट को कैसे खोखला किया जाता है। यह बानगी देखने और सुनने को मिल रही है।. जिला चिकित्सालय में इम्यूनो ग्लोबुलिन टीका खत्म हुए 4 माह बीत गए । लेकिन साहब को मनीष से ही फुर्सत नहीं मिल रही है तो अस्पताल की व्यवस्थाओं पर क्या ध्यान देंगे…?

कहने का तो झाबुआ जिला अस्पताल आईएसओ प्रमाणित और जिले में कई सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मौजूद है । लेकिन जब से सीएचएमओ जयपाल सिंह ठाकुर की पदस्थापना इस जिले में हुई है तब से मानो जेम पोर्टल को सहारा लेकर अपने चहेते ठेकेदार कटारिया को उपकृत करने के लिए सारे नियम कायदों को ताक में रखकर लाखों करोड़ों की खरीदी, इस पोर्टल के माध्यम से की जा रही है। जबकि इस पोर्टल को आसानी से हैकर द्वारा हैक कर मनमाने दाम L 1 पर लिए जा सकते हैं क्योंकि विभाग की दृष्टि से इस पोर्टल के माध्यम से खरीदी पूर्ण रूप से सुरक्षित है और किसी भी तरह की जांच आने पर इस पोर्टल के माध्यम का सहारा लेकर चहेते ठेकेदार कटारिया को और स्वयं को बचाया जा सकता है । लेकिन सीएचएमओ ठाकुर और उनके चहेते कर्मचारी मनीष ने ठेकेदार से सामग्री खरीदी के लिए जैम पोटल का ढाल बनाकर खरीदी की जा रही है और स्वास्थ्य विभाग के बजट को दीमक की तरह खत्म किया जा रहा है और जो बजट जिले की भोली-भाली जनता की भलाई के लिए लगाना चाहिए , वह ठेकेदार कटारिया और मनीष को उपकृत करने में पूर्ण किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग मे मनीष की मनमानी और आर्थिक लालच ने सीएमएचओ साहब की आंखों पर पट्टी बांध दी है सूत्रों के अनुसार यह भी पता चला है कि सीएचएमओ साहब अपने चहेते ठेकेदार को इस पोर्टल के माध्यम से खरीदी करने के लिए पूर्व में भी कई बार कलेक्टर कार्यालय के चक्कर भी लगा चुके हैं । इस तरह कर्मचारी मनीष द्वारा बजट को कैसे उपयोग करना और कैसे ठेकेदार को पुरस्कृत करना तथा किस तरह आर्थिक लाभ पहुंचाना और लाभ में हिस्सा लेना, यह सारा खेल मनीष का होता है । अब तो ऐसा लगने लगा है कि स्वास्थ्य विभाग का बजट जेम पोर्टल के माध्यम से ….लूट सको तो लूट लो…. की तर्ज पर किया जा रहा है । यदि समय रहते जिला प्रशासन द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो सीएमएचओ जयपालसिंह ठाकुर के संरक्षण में स्वास्थ्य विभाग का बजट आमजनता की भलाई के बजाए ,.अपने चहेते ठेकेदारों को मलाई खिलाने में पूर्ण हो जाएगा और गरीब जनता सुविधाओं या योजनाओं के लिए भटकती हुई नजर आएगी…।

वही सीएमएचओ का ध्यान जिला चिकित्सालय की व्यवस्थाओं पर कम और मनीष व बजट पर अधिक है ।तभी तो जिला अस्पताल में 4 माह से हैपेटाइटिस बी पॉजिटिव मां के नवजात को लगाए जाने वाला इम्यूनो ग्लोबुलिन टीका खत्म हो रहा है। ऐसे में नवजात के परिजनों को बाजार से 5 हजार रुपए से अधिक में टीके काे खरीदकर लगवाना पड़ रहा है। हैपेटाइटिस बी पॉजिटिव मां के नवजात को 72 घंटे में इम्यूनो ग्लोबुलिन टीका लगना अति आवश्यक है।टीका महंगा होने से सरकार इसे अस्पतालों में निशुल्क दिलवाती है, लेकिन जिला अस्पताल में 4 माह से यह आवश्यक टीका नहीं मिल रहा है। इस अवधि में अस्पताल प्रशासन ने आरएमआरएस द्वारा टीके को खरीदने की कोशिश की और न जननी सुरक्षा योजना के तहत ही खरीदा गया। जिला अस्पताल में जिलेभर से प्रसूताएं डिलेवरी के लिए आती है। यहां प्रसव से पूर्व होने वाली जांचों में 2-3 दिन में एक केस हैपेटाइटिस बी पॉजिटिव प्रसूता का सामने आता है। डॉक्टर परिजनों को टीका मंगाने के लिए कह देते हैं। अस्पताल में टीका नहीं होने का टका-सा जवाब मिलने अप्रैल से लेकर अभी तक यही हो रहा है सरकार की ऑलरेडी निशुल्क व्यवस्था होने के बाद भी गरीब लोग टीका खरीदने पर मजबूर, आखिर क्यों अभी तक जिम्मेदार अधिकारी और नेता ध्यान नहीं दे रहे हैं । क्या शासन प्रशासन इस ओर ध्यान देकर सीएमएचओ द्वारा की जा रही लापरवाही पर कोई कार्यवाही करेगा और स्वास्थ्य विभाग द्वारा ठेकेदार कटारिया और मनीष को उपकृत करने की कार्यप्रणाली को लेकर भी कोई जांच करेगा या फिर कटारिया और मनीष यू ही स्वास्थ्य विभाग के बजट को दीमक की तरह चाटते रहेंगे….?

Trending