झाबुआ – मीडिया में लगातार स्वास्थ्य विभाग की खबरों को ध्यान में रखते हुए जिला कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ ठाकुर की जगह झाबुआ कलेक्टर द्वारा संयुक्त कलेक्टर सुनील कुमार झा को प्रशासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से निम्नलिखित विभागो की सम्पूर्ण नस्तियां ( स्थापना,वित्तीय, क्रय ) का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया। जिला कलेक्टर द्वारा लिए गए इस निर्णय की जिले में भूरी भूरी प्रशंसा की जा रही है और जिला प्रशासन के इस निर्णय के बाद लोगों में यह विश्वास जगा है कि प्रशासन अब भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसेगा । वही प्रशासन के इस निर्णय के बाद , स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत जिला लेखा प्रबंधक मनीष की कार्यप्रणाली को लेकर भी अब संशय बना हुआ है देखना दिलचस्प होगा कि उन पर क्या कार्रवाई होती है या नहीं….?
जिले के स्वास्थ्य विभाग के मुखिया याने सीएमएचओ डा. जयपाल सिंह ठाकुर इन दिनों इस लिये सूर्खियों में बने हुए है कि अति सर्वत्र वर्जयते की तर्ज पर सिर्फ….. सिर्फ…. सिर्फ अपनी जेबों के भार को बढाने के लिये कानून कायदों को भी ताक पर रखकर, कागजी खाना पूर्ति अपने खासम- खास मनीष जेसे वित्तिय सलाहकार के चाले लग कर भ्रष्टाचार की अति करने में कोइ्र कसर बाकी नही रख रहे हैे । मीडिया ने बार-बार आवाजे उठाई, जनता की अदालत में भी इनके धोले-काले कारनामों को उजागर करने में सतत अपनी भूमिका भी निभाई । पर मजाल है डा. ठाकुर की ठकुराई कम हो । किसी शायर की ये पंक्तिया ’’ ……यहाँ तहजीब बिकती हैं यहाँ फरमान बिकते है,। जरा तुम दाम तो बोलो यहाँ ईमान बिकते हैं.। सुनते वहीं है जिसमें उनकी अपनी भलाई हो,। कहते वहीं है जिसमें उनकी अपनी कमाई हो। की तर्ज पर चलने वाले सीएमएचओ की नाम में नकेल डालने का काम जिले क युवातुर्क, जाबांज , एवं भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसने वाले जिले के कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने इसे गंभीरता से लिया और आदेश जारी करके भ्रष्टाचारी डा. ठाकुर के भ्रष्टाचार पर आखिरकार ’’ चौकीदार ’’ को बिठा ही दिया । कलेक्टर ने प्रसारित अपने आदेश से सीएमएचओ को ’’ बार्बर विदाउट रेजर ’’ तो कर ही दिया है । अपने आदेश के अनुसार कलेक्टर ने प्रशासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय एवं सिविल सज्रन सह अधीक्षक जिला चिकित्सालय झाबुआ की सभी नस्तिया अर्थात फाईले जिसमें स्थापना, वित्तिय कार्य एवं खरीदी अर्थात क्रय, स्टोर्स सहित सभी वित्तिय मामलों जिसमें भ्रष्टाचार की पूरी गुजाईश रही है, वे सभी फाईले श्री सुनील कुमार झा, अपर कलेक्टर जिला झाबुआ के माध्यम से प्रस्तुत करने के आदेश जारी करके ऐसे भ्रष्टों पर अंकुश लगानें का काम कर दिया है । जिसकी पूरे जिले में प्रसंशा की जारही है, तथा मांग की जा रही है कि इनसे यदि पूरा ही प्रभार ले लिया जाता तो निश्चित ही ’’ बदनाम बस्ती के रूप में ख्यात नाम हुए इस विभाग का भला ही होता। खैर अभी तो कलेक्टर ने प्रथम कदम के रूप में संभवतया ’’ इन पर पेैनी नजर के लिये तत्कालप्रभाव से आदेश जारी किया है । कलेक्टर साहब को जिले के कार्यालय प्रमुखो / विभागाध्यक्षों को हटाने का सरकार द्वारा अधिकार प्रदत्त नही है, ऐसे में जरूरी है कि ’’ बात निकली है तो दूर तलक जायेगी ’’ और आगे क्या होता है- इसका सबकों इन्तजार बना हुआ हेै । इस आदेश के प्रसारित होने के बाद जहां पूरे स्वास्थ्य विभाग में हलचल मची हुई है, वही भ्रष्टाचार करने वाले मनीष जैसे वित्तिय सलाहकार पर भी गाज गिरने की प्रबंल संभावना दिखाई देने लगी हेै । आखिर मे यही कहना उचित होगा कि – जमीर बेच कर अमीर तो बन गए पर याद रखना साहब !!! नर्क में अकेले ही जाना पड़ेगा। कर्मों का पाई-पाई हिसाब होगा।
यदि शासन प्रशासन द्वारा सीएमएचओ जयपाल सिंह ठाकुर की पदस्थापना के बाद संपूर्ण खरीदी ,दवाई खरीदी , वाहन अटैचमेंट , कर्मचारियों की पदस्थापना आदि अनेक बिंदुओं पर सूक्ष्मता से जांच की जाए., तो एक बड़े घोटाले के उजागर होने की संभावना है…..। इस जांच में खुले रुप में यह उजागर हो जाएगा, कि किस तरह डॉ जयपाल सिंह ठाकुर और उसके चहेते मनीष ने नियमों को ताक पर रखकर ,फर्म विशेष को आर्थिक लाभ पहुंचाया और कई सामग्री विभाग के स्टोर तक पहुंची है भी या नहीं और उनके भुगतान हुए और भुगतान में आर्थिक हिस्सा लिया..।