झाबुआ

अंकुरम परिवार ने रक्षाबंधन पर्व पर चिकित्सकों एवं ग्रामीण बच्चों को राखी बांधी

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झाबुआ — अंकुरम इंटरनेशनल स्कूल में दिनांक 8 अगस्त 2022 सोमवार को भाई-बहन का प्यार रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया गया| कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय में पधारे अतिथि डॉक्टर एल.एस.राठौर, डॉ वैभव सुराणा, डॉ विजय मेरावत, डॉ सुमित सोनी, डॉ अरविंद दातला, डॉक्टर संदीप चोपड़ा, विद्यालय के संस्थापक डॉ लोकेश दवे, विद्यालय के निर्देशक डॉ चारु लता दवे के द्वारा सरस्वती मां की वंदना तथा दीप प्रज्ज्वलन से किया| साथ ही विद्यालय में पधारे अतिथियों का भी तिलक लगाकर तथा हस्तनिर्मित फूल प्रदान कर स्वागत किया|

रक्षाबंधन का त्योहार जिसे राखी के नाम से भी जाना जाता है दुनिया भर में हिंदुओं द्वारा मनाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है जो भाइयों और बहनों को समर्पित है| यह एक विशेष त्योहार है जो भाई बहनों के बीच अनोखे बंधन का जश्न मनाता है| सम्मान स्नेह और प्रेम के प्रतीक के रूप में बहनें अपने भाइयों की कलाई पर एक सजावटी धागा (राखी ) बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं बदले में भाई मिठाई ,उपहार पैसा देते हैं और जीवन भर अपनी प्यारी बहन की रक्षा करने का वादा करते हैं| विद्यालय परिसर में सुबह से बहने नवीन परिधानों में सुसज्जित होकर हाल में रंग-बिरंगी राखियों सहित मिठाई और तिलक लगाने के लिए चंदन लिए भाइयों की कलाई में राखी बांधने को उत्सुक दिखाई दे रही थी|

विद्यालय में पधारे चिकित्सकों को बालिकाओं ने तिलक लगाया राखी बांधी व मिठाई खिलाया तथा चिकित्सकों ने अपनी बहनों की रक्षा का संकल्प दोहराते हुए उनको आकर्षक उपहार भेंट किए| विद्यालय में अध्ययनरत भाइयों के अतिरिक्त ग्रामीण बच्चों को भी राखी बांधी गई तथा विद्यालय द्वारा उपहार भेंट किया गया| तत्पश्चात डॉक्टर एलएस राठौर के द्वारा कुछ शब्द रक्षाबंधन त्यौहार के बारे में बच्चों को बताया| डॉ वैभव सुराणा ने 15 अगस्त को अमृत महोत्सव मनाने तथा अपने अपने घरों पर झंडा फहराने की सीख दी| डायरेक्टर डॉक्टर लोकेश जी के द्वारा विद्यालय में पधारे अतिथियों के बारे में बच्चों ने बताया कि चिकित्सकों ने हमारी कोरोनावायरस से रक्षा की है इसलिए सहृदय से धन्यवाद किया गया|

डॉक्टर चारुलता जी के द्वारा बताया गया कि रक्षाबंधन हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रावण महीने में पूर्णिमा के दिन या पूर्णिमा के द्वारा मनाया जाता है| यह त्यौहार एक लोकप्रिय कहानी के इर्द-गिर्द घूमता है| जिसके अनुसार एक बार भगवान श्री कृष्ण पतंग उड़ा रहे थे और उनकी कलाई पर चोट लग गई उस समय पांडवों की पत्नी द्रोपदी ने अपने साड़ी का एक टुकड़ा फाड़ कर उनकी कलाई पर बांध दिया उसके हाव-भाव से प्रभावित श्री कृष्ण जी ने उसे हर बुराई से बचाने का वादा किया था इसलिए रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है| साथ ही पूर्वा मैम के द्वारा फ्रेंडशिप के बारे में जानकारी दी गई| कार्यक्रम के दौरान कक्षा यूकेजी से केशवी कृषिका के द्वारा एक सुंदर गीत प्रस्तुत किया गया| कक्षा द्वितीय से ग्रंथ बाबेल ने कहानी के माध्यम से रक्षाबंधन का महत्व बताया, शुभ नीमा ने सुविचार व्यक्त किया, कक्षा चतुर्थ से उत्कर्ष ने कविता प्रस्तुत की, कक्षा पंचम से अर्पिता ने कविता प्रस्तुत की| बच्चों ने अपनी अपनी प्रस्तुतियों से चार चांद लगा दिया|

कक्षा की नर्सरी से कक्षा दूसरी तक के बच्चों को राखी के वर्कशीट पर रंग भरवाया गया तथा कक्षा तृतीय से कक्षा सप्तम तक के बच्चों ने राखी बनाई| विद्यालय के शिक्षक अर्जुन सर ,राम सर ,जयेंद्र सर शिक्षिका नीतू मैम, शारदा मैम ,रिचा मैम ,अर्चिता मैम, अश्विनी मैम ,प्रीति मैम ,अमतुल्लाह मैम ,रुकैया मैम, मिताली मैम ,सीमा मैम ,ललिता मैम ,सुचिता मैम ,योगिता मैम ,सोन मैम, विकास सर के द्वारा बच्चों को रक्षाबंधन की बधाईयां दी|

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