झाबुआ – शहर मे बुधवार को भाई-बहन का प्यार रक्षाबंधन का त्यौहार उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया| | सुबह पूजा पाठ के बाद दोपहर में रक्षाबंधन पर्व मनाया गया । रक्षाबंधन का त्योहार जिसे राखी के नाम से भी जाना जाता है दुनिया भर में हिंदुओं द्वारा मनाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है जो भाइयों और बहनों को समर्पित है| यह एक विशेष त्योहार है जो भाई बहनों के बीच अनोखे बंधन का जश्न मनाता है| सम्मान , स्नेह और प्रेम के प्रतीक के रूप में बहनें अपने भाइयों की कलाई पर एक धागा (राखी )बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं बदले में भाई मिठाई ,उपहार पैसा देते हैं और जीवन भर अपनी प्यारी बहन की रक्षा करने का वादा करते हैं| यह त्यौहार एक लोकप्रिय कहानी के इर्द-गिर्द भी घूमता है| जिसके अनुसार एक बार भगवान श्री कृष्ण पतंग उड़ा रहे थे और उनकी कलाई पर चोट लग गई ,.उस समय पांडवों की पत्नी द्रोपदी ने अपने साड़ी का एक टुकड़ा फाड़ कर उनकी कलाई पर बांध दिया उसके हाव-भाव से प्रभावित श्री कृष्ण जी ने उसे हर बुराई से बचाने का वादा किया था । इसलिए रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है । बहने नवीन परिधानों में सुसज्जित होकर रंग-बिरंगी राखियों सहित मिठाई और तिलक लगाने और कलाई में राखी बांधने को उत्सुक दिखाई दे रही थी| | बहनों ने सर्वप्रथम अपने भाई को तिलक लगाया और अभिनंदन किया । उसके बाद बहनो ने भाई को शगुन के तौर पर श्रीफल भेंट किया । तत्पश्चात भाई की कलाई पर राखी बांधी तथा मिठाई खिलाकर मुंह मीठा कराया । भाई ने भी अपनी बहन को मिठाई खिलाकर पर्व मनाया और जीवन भर रक्षा करने का वादा भी किया । इस प्रकार उत्साह उमंग और उल्लास के साथ मनाया गया ।