RATLAM

कैदियों को राखी नहीं बांधने दी तो बहनों ने कर दिया हंगामा, हिन्दू संगठन ने भी जताया आक्रोश, विधायक काश्यप ने सीएम व गृहमंत्री से की बात तो मिल गई अनुमति

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रतलाम । हिंदुत्व की विचारधारा के लिए जानी जाने वाली प्रदेश सरकार रक्षाबंधन जैसे त्योहार को लेकर ही समय पर निर्णय नहीं ले सकी। नतीजतन रतलाम सहित प्रदेश की कई जेलों के कैदियों की कलाई पर बहनें राखी नहीं बांध पाईं। इससे नाराज बहनों और हिंदू संगठनों ने हंगामा कर दिया। जानकारी मिलने पर रतलाम विधायक चेतन्य काश्यप ने सीएम हाउस और गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा से बात की तब जाकर कैदियों को राखी बांधने की अनुमति जारी हो सकी।

रक्षाबंधन पर्व के चलते गुरुवार को बड़ी संख्या में बहनें स्थानीय जिला जेल में निरुद्ध अपने भाइयों को राखी बांधने पहुंचीं। जेल प्रशासन द्वारा जेल के अंदर बैठकर राखी नहीं बांधने दी। जेल अधिकारियों ने गृह विभाग से मिले निर्देशों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि टेलीफोन से कांफ्रेंस करवाकर उनकी लाई हुई राखी, मिठाई बंदी तक पहुंचाने का सिस्टम है। उन्होंने कहा कि बहनों और परिजन द्वारा लाई मिठाई, राखी व नारियल संबंधित बंदी तक पहुंचाया जा रहा है। उनसे मिलने आए लोगों से उनकी टेलीफोन से बात भी कराई जा रही है।

बहनों व हिंदू संगठनों ने किया प्रदर्शन

बहनें और बजरंग दल के रामबाबू शर्मा, जिला सह मंत्री गौरव शर्मा सहित अन्य कार्यकर्ता नाराज हो गए। उन्होंने जेल परिसर में जमकर नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने जेल के बाहर रोड पर चक्काजाम कर धरने पर बैठ गए। उनकी मांग थी कि जेल में निरुद्ध बंदियों को बहनों के हाथों से ही राखी बंधवाई जाए। चक्काजाम और प्रदर्शन के कारण इससे वाहनों की आवाजाही प्रभावित हो गई जिससे लोग परेशान होते रहे।

सीएम हाउस और गृह मंत्री से की बात

विधायक चेतन्य काश्यप ने बताया जेल में भाइयों की कलाई पर खुद बहनों को राखी नहीं बांधने देने का मामला जानकारी में आया। इस पर विधायक चेतन्य काश्यप ने भोपाल सीएम हाउस बात की एवं गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा को भी अवगत कराया। गृह मंत्री ने इसे लेकर तत्काल आदेश निकाले जिसके चलते बहनें जेल परिसर में कैदी भाईयों को राखी बांध सकीं। वे शुक्रवार को भी जेल में राखी बांध सकेंगी। बता दें कि कोरोना के चलते दो साल से जेल में कैदियों को राखी बांधने की अनुमति नहीं दी जा रही थी।

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