झाबुआ

धर्म के योग्य आचरण करने पर व्यक्ति धर्म से जुड़ता है ।,* प्रवर्तक पुज्य जिनेन्द्रमुनिजी म.सा. ~~~*जीव शरीर से आजाद हुआ हे, पर उसे कषाय रूपी जंजीरों ने गुलाम बना रखा हे* – पूज्य संयतमुनिजी म.सा.

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