पेटलावद से महेंद्र सिंह बाछीखेड़ा की रिपोर्ट — झकनावदा–भवानी शंकर जी राठौर का नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं है। आज गांव में बच्चा बच्चा उन्हें दादा के नाम से जानता है। वे शुरू से ही , सहज, सरल सज्जन स्वभाव के व्यक्ति थे, एवं सामाजिक, धार्मिक कार्य में हमेशा तन मन धन से सहयोग करने वाले स्वाभिमानी, स्वावलंबी व्यक्ति थे। नगर में कहीं भी सुंदरकांड होता था। तो उनके घनिष्ठ मित्र शांतिलाल जी मिस्त्री एवं अन्य दो मित्र एवं वे स्वयं सुंदरकांड का संचालन विधि विधान से पूजा अर्चना कर सुंदरकांड गायन करते थे। झकनावदा नगर में सुंदरकांड की शुरुआत ही उनके द्वारा की गई थी। तत्पश्चात हनुमान संकट मोचन मंडल का भी गठन उनके नेतृत्व में ही किया गया था। आज एक बड़े रूप में हनुमान संकट मोचन मित्र मंडल सुंदरकांड गायन से नगर के युवा जुड़ रहे हैं। लेकिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था। लंबी बीमारी के कारण दिनांक 21/8/ 2022 को रात 12:00 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर सुनकर सारे नगर में शोक की लहर दौड़ गई। आज नगर में कहीं पर भी सुंदरकांड होगा तो लोग उन्हें पहले याद करेंगे। उनके परिवार में उनके दो भाई है। जगमोहन राठौर एवं महावीर राठौर, बड़े बेटे महेंद्र राठौर है। जो हमेशा सामाजिक, धार्मिक कार्य मैं अग्रणी रहने वाले एवं वरिष्ठ संघ कार्यकर्ता है। छोटे बेटे अरविंद राठौर हैं। जो कि कपड़े का व्यवसाय करते हैं। उनकी शोक यात्रा दिनांक 22 /8/ 2022 को 11:30 बजे उनके निज निवास स्थान झकनावदा से निकाली गई। एवं अंतिम संस्कार मधु कन्या नदी के तट पर स्थित मुक्तिधाम पर किया गया। उनके अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित हुए