झाबुआ – उपरोक्त शीषर्क पढ़ने में आपको थोड़ा सा अटपटा लग रहा होगा । लेकिन यह शीर्षक झाबुआ के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय पर सटीक है क्योंकि विभाग के सीएमएचओ की लापरवाही कार्यशैली और मनमाने रवैए के कारण , शासन से जो प्रदत्त राशि का उपयोग , जिले की जनता की भलाई में लगायी जाना चाहिए थी वह राशि ठेकेदारों की उन्नति में लगा दी और स्वयं की भी । लगातार मीडिया में स्वास्थ्य विभाग की खबरों के प्रकाशन के बाद जिला कलेक्टर द्वारा स्वास्थ्य विभाग से संबंधित संपूर्ण कार्य प्रणाली के लिए नोडल अधिकारी या चौकीदार नियुक्त कर दिया है । जो स्वास्थ्य विभाग की संपूर्ण कार्य प्रणाली और खरीदी प्रक्रिया पर ध्यान रखेगा । लेकिन स्वास्थ्य विभाग में यह.चर्चा जोरों पर है कि इस प्रक्रिया से विभाग मे कोई फर्क नहीं पड़ेगा और जो मनमानी कार्यशैली चल रही है वह आगे भी जारी रहेगी । सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार सीएमएचओ डॉ ठाकुर ने अपने सबसे निकटतम ठेकेदार धार के किसी कटारिया से संपर्क किया है और किस प्रकार इस व्यवस्था को सुलझाया जाए, इस पर मंथन किया जा रहा हैं । जानकारी अनुसार धार का ठेकेदार कटारिया अपने आप को ग्रहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का सबसे निकटतम बताता है और स्वयं को भाजपा का बड़ा नेता बताता है । तथा विभागीय सूत्रों का यह भी कहना है इस ठेकेदार का यह कहना है जितने भी स्थानांतरण आदेश हुए हैं उन्हें पुनः बहाल करा दिया जायेगे । और जो व्यवस्था पूर्व में चल रही थी वह पुन: यथावत चलती रहेगी । शिकायतें और खबरों का प्रकाशन तो होता रहता है । सूत्रों का यह भी कहना है कि यह ठेकेदार कहता रहता हैं …I am the kingmaker of jhabua hospital…..। याने मैं जैसा चाहूंगा वैसा ही झाबुआ के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय को चलाऊंगा । यदि इस ठेकेदार की बात को सत्य मान लिया जाए तो जो स्थानांतरण हुए हैं यदि वह पुनः यथावत रहते हैं तभी विभाग मे मनमानी का दौर शुरू हो जाएगा । तथा किसी भी अटैचमेंट कर्मचारी को इधर से उधर नहीं किया जाएगा । और पुन: अंधेर नगरी और चौपट राजा की तर्ज पर मनमानी शुरू हो जाएगी । कया शासन प्रशासन इस ओर ध्यान देकर स्वास्थ्य विभाग में चल रहे अटैचमेंट प्रथा को समाप्त करने का प्रयास करेगा तथा कर्मचारी द्वारा की जा रही मनमानी पर भी लगाम लगाने का प्रयास करेगा….?