रतलाम. उचित मूल्य की दुकानों से गरीबों के लिए आने वाले राशन की कैसे बंदरबाट की जाती है यह बाजना विकासखंड के रतनगढ़पीठ की उचित मूल्य की दुकान पर सामने आया है। दुकान संचालकों ने हितग्राहियों को देने के लिए आए राशन की हेराफेरी करके उसे दूसरे को बेच डाला। हितग्राहियों को सामान नहीं मिलने की शिकायत विभाग को मिली तो जांच की गई। जांच में स्पष्ट होने पर संचालकों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत केस दर्ज कराया गया है। सरकारी राशन के गुनाहगारों पर कसा शिकंजा, संचालक और साथियों पर एफआईआर
कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी कादंबिनी धकाते ने पुलिस में दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि 28 मई को ग्राम रतनगढ़पीठ के लोगों ने सूचना कर बताया था कि ग्राम की शासकीय उचित मूल्य की दुकान जिसे सावरिया सेठ स्वयं सहायता समूह संचालित करता है वहां से उन्हें राशन ही नहीं मिल रहा है। समूह के संचालक एवं सदस्य राशन का हितग्राहियों को विक्रय न करते हुए अपने लाभ के लिये इधर-उधर विक्रय कर रहे हैं।
मौके पर जांच करने पर पीओएस मशीन को चैक किया गया। रिकार्ड प्रिंट अनुसार स्टाक में उपलब्ध राशन को चैक किया गया। स्टाक में 131.26 क्विटल गेहूं, 12.80 क्विटल चावल एवं 10 किलो शक्कर कम पाई गई। उक्त राशन के कम होने के संबंध में संचालक कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे पाए। संचालकों ने बाटली निवासी गणपत मईडा यहां भी अवैध तरीके से दुकान का 7 क्विटल गेहूं रखा मिला जिसे जब्त कर लिया गया। पूरी जांच में राजेश पिता वरसिंह भाभर निवासी रतनगढपीठ, सुरेश पिता रमेश भाभर निवासी रतनगढपीठ, गणपत पिता सरदार मईडा निवासी ग्राम बाटली, राहुल पिता मलिया पारगी निवासी ग्राम खेरदा, गंगा बाई पति वरसिंह भाभर निवासी रतनगढपीठ एवं प्रिया पिता कैलाश कटारा निवासी रतनगढपीठ ने मिलकर कुल 3 लाख 50 हजार रुपए के राशन की हेराफेरी की। सभी आरोपियों पर आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। पत्रिका डेली न्यूज़लेटर