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जोबट – आजादी के अमृत महोत्सव में ’’ राम लला हम आयेगें , मंदिर वही बनायेगें’’ नारे के प्रणेता बाबा सत्यनारायण मौर्य 3 सितम्बर को जोबट मेें बहायेगे राष्ट्रप्रेम की निर्झरीणी ।

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अलीराजपुर से ब्यूरो चीफ नयन टवली कि खबर ✍️

आयोजक – श्री पीपलेश्ववर गणेश उत्सव समिति जोबट ।


जोबट – रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे का नारा देने वाले अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त बाबा सत्यनारायण मौर्य के बारे मे जितना भी लिखा जावे कम ही पडेगा । बहुमुखी प्रतिमा के धनि और अपनी विधा में जिनका कोई सानी नही है ऐसे बाबा सत्यनारायणमोर्य का आजादी के अमृत महोत्सव में ’’ हम करे राष्ट्र आराधना के तहत आगामी 3 सितम्बर शनिवार को रात्री 8 बजे श्री कृष्ण चौपाटी जोबट पर अभिनव कार्यक्रम भारत माता की आरती के तहत आयोजित हो रहा हे । यह जोबट नगर का अहोभाग्य है कि ऐसी अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हस्ती हम सभी के बीच उपस्थित रहेगी तथा प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी जी की भावना अनुसार प्रत्येक राष्ट्रप्रेमी के दिल में राष्ट्रभक्ति की भावना को बलवती करेगी ।

’’रामलला हम आयेगें मंदिर वही बनायेगे’’यह नारा निकला था बजरंग दल के एक शिविर में। उज्जैन में 1986 में बजरंग दल के शिविर में पहली बार बाबा सत्यनारायण मौर्य ने यह नारा दिया जो बाद में हर रामभक्त की जुबान पर चढ़ गया।, बाबा सत्यनारायण मौर्य ने 1986 में वह मध्यप्रदेश के राजगढ़ से एम कॉम की पढ़ाई कर रहे थे। तब उज्जैन में बजरंग दल का शिविर लगा। श्री मौर्य ैं भी उस शिविर में शामिल थे। शिविर में शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। उसी कार्यक्रम में उन्होने राम जन्मभूमि को लेकर यह नारा पहली बार दिया। रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे। और इसके बाद तो रामजन्मभूमि आंदोलन का प्रतीक बन गया यह नारा। अब श्री मौर्य का यह नारा साकार हो रहा है तथा निकट भविष्य में वहां भव्य राम मंदिर का सपना भी पूरा होने वाला है ।

ज्ञातव्य है कि बाबा मौर्य ने 6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या के कार्यक्रम में सबसे पहले मंच संचालन उन्होंने ही किया। वह तब आंदोलन के प्रचार प्रमुख थे और पूरे अयोध्या में उन्होंने वॉल राइटिंग की जिसमें श्रीराम और हनुमान के चित्रों के साथ नारे भी शामिल थे। राम जन्मभूमि आंदोलन को लेकर उनके गाने की कैसेट भी तब खूब चली थी।यह बताना उचित होगा कि अयोध्या में मंदिर परिसर में अयोध्या शोध संस्थान की तरफ से बाबा मौर्य की प्रदर्शनी लगाने की भी तैयारी है। पहले यह प्रदर्शनी 5 अगस्त को लगनी थी लेकिन सुरक्षा कारणों से अब बाद में लगेगी। यह प्रदर्शनी चार भागों में होगी जिसका एक हिस्सा जन्मभूमि का इतिहास विषय पर प्रदर्शनी बाबा मौर्य ही लगाएंगे। इसमें चित्रों और पेंटिंग के जरिए इतिहास बताया जाएगा। बाबा सत्यनारायण मौर्य ा मंचीय कवि के रूप में एक लंबा समय देश के विभिन्न मंचों पर गुजारा. अपने विशिष्ठ अंदाज, विविध रसों की कविताओं तथा कविता की विभिन्न शैलियों के कारण श्रोताओं के प्रिय बने हुए है ।

ऐसी महानहस्ती 3 सिंतम्बर को चन्द्रशेखर आजाद की जन्मस्थली में अपनी राष्ट्र आराधना करके युवा शक्ति,मातृ शक्ति, बुजुर्गो सहित समुचे अंचल को राष्ट्रन्रेम से सराबोर करेगी । ऐसे मे हर कोइ्र बाबा सत्यनारायण मौर्य का सानिध्य प्राप्त करके अपने आपको गोरवान्वित महसूस करेगा ।

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