झाबुआ

सरकार की निशुल्क खाद्यान्न वितरण योजना को किस तरह भ्रष्टो की मिली भगत से लग रहा पलिता ।

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सेल्समेनो की भूमिका भी संदिग्ध- प्रशासन को लेना होगा संज्ञान कमलेश मावी
झाबुआ । केन्द्र की मोदी सरकार एवं प्रदेश की शिवराजसिंह सरकार गरीबों के कल्याण के लिये विभिन्न जनहितेषी योजनाओं का संचालन कर रही है, तथा सरकार का दावा है किइन योजनाओं के लागुू होने से गरीब, आदिवासी,वंचित एवं समाज मे सबसे आखरी पायदान वाले ऐसे जरूरत मंद लोगों को इससे लाभान्वित किया जारहा है । सरकार की निःशुल्क खाद्यान्न वितरण योजना भी इसी कडी मे एक महत्वपूर्ण योजना है । किन्तु इस योजना को भी सरकारी अफसरों से मिली भगत करके बिचौलिये एवं भ्रष्टो द्वारा पलिता लगाया जारहा है । ऐसे में गरीबों को उनके हक्क का सामान मिलने की बजाय बिचौलियों एवं अधिकारियों की जेबों का ही भार बढ रहा हे । ऐसे मे यहिी कहना सार्थक होगा कि सरकार को फ्री अनाज वाली योजना बंद कर देना चाहिए । क्योंकि सरकारी योजनाएं तो चालू कर देती है परंतु उसका उसका क्रियान्वयन ठीक तरिके से अधिकारी लोग नहीं करते हैं और ऐसे में सामाजिक कार्यकर्ता आवाज उठाता है तो उसको दबा दिया जाता है । 17 प्रकार के सवाल उनसे किया जाते हैं, भ्रष्टाचारी इतने हावी हो गए हैं कि मात्र 50 प्र्रतिशत ही लोगों को सरकार की फ्री योजना का लाभ मिल रहा ह,ै वह भी धार झाबुआ अलीराजपुर इन 3 जिलों में हिंदू युवा जनजाति संगठन के कार्यकर्ताओं की जागरूकता के कारण । गांव गांव जाकर इन कार्यकर्र्ताओ द्वारा गरीब कल्याण खाद्यान्न योजना का प्रचार प्रसार किया जारहा है, परंतु भ्रष्टाचारी लोग उनको भी दबाने का प्रयास कर रहे हैं । बिती रात की घटना का उल्लेख करें तो ग्राम-सागिया के सेल्समैन द्वारा रात की 11-00 बज ेअपने घर से गरीब जनता का खाद्यान्न सरकारी कट्टे बदल बदल कर एक आईशर एवं एक पिकअप में भरा जारहा था । गुप्त सूचना मिलने पर संगठन के कार्यकर्ता मौके पर पहुंच चुके थे । परंतु उनको भनक लग गई तो तुरंत ही उन्होंने सरकारी गेहूं वापस उतार लिए गए। इसी वक्त कलमोड़ा मैं एक बंगाली डॉक्टर के यहां वाहन खाली करवा रहे थे । कुछ अन्तराल के बाद कुछ हम्माली करने लोग भाग गए । पूछताछ करने पर वाहन मालिक सही जानकारी नहीं दे पाया और बंगाली डॉक्टर की भी बोलती बंद हो गई । वाहन मालिक ने तुरंत ही सेल्समैन को फोन लगाया सेल्समैन आया जब उससे जानकारी मांगी गई तो उसने बताया इस बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है । अगर शासन प्रशासन सेल्समैन के ऊपर तुरंत कार्यवाही नहीं करता है तो दूसरे सेल्समैन के हौसले और बुलंद भी हो जाएंगे । इसलिए प्रभावी कार्यवाही होना चाहिए अन्यथा कुछ दूसरा कदम भी उठा सकता है । यदि गा्रमीणजन जागृत हो कर कुछ कदम उठाते है तो निश्चित ही इसकी जिम्मेवरीह क्या प्रशासन लेगा यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है ।

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