झाबुआ

माया कांसवा की 9 उपवास की तपस्या हुई पूर्ण ….समणीवृंद से मांगलिक सुनकर किया पारणा…..।

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झाबुआ – महातपस्वी , महायशस्वी आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या समणी निर्वाण प्रज्ञा जी एवं समणी मध्यस्थ प्रज्ञा जी की मंगल प्रेरणा से तेरापंथ समाज में भी तपस्यओ का दौर चातुर्मास के दौरान और पर्युषण के दौरान भी जारी है।  तपस्या की इसी कड़ी में तेरापंथ समाज की वरिष्ठ सुश्राविका माया मोहन कांसवा ने भी समणीवृंद से मंगल प्रेरणा प्राप्त कर 23 अगस्त को तपस्या प्रारंभ की । माया कांसवा ने अपने रसनेन्द्रिय पर विजय प्राप्त करते हुए, तपस्या में तन मन लगाकर,  दृढ़ता से कर्मों को खपाया और 31 अगस्त को संवत्सरी पर्व पर अपने 9 उपवास की तपस्या पूर्ण की ।पश्चात 1 सितंबर को समणी वृंद से मांगलिक सुनकर पारणा किया। इस तपस्या के क्रम में उन्होंने धार्मिक गतिविधियों के साथ जैसे सामायिक,  प्रतिक्रमण,  पौषध , स्वाध्याय , जप आदि क्रियाएं निरंतर चलती रही और इस प्रकार अपनी तपस्या पूर्ण की । संपूर्ण तेरापंथ समाज ने तपस्वी के तप की अनुमोदना की और जयकारे भी लगाए ।  तप अनुमोदनार्थ परिवारजन ने  समस्त जैन समाज की महिला मंडलो की धार्मिक चौबीसी का आयोजन भी किया । कार्यक्रम में आई सभी महिलाओं ने तपस्वी के तप की अनुमोदना की और सुख साता पूछते हुए जयकारे लगाएं ।

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