अलीराजपुर

अलीराजपुर – नगरीय निकाय आम निर्वाचन 2022 के मद्देनजर समस्त शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को दिशा निर्देश जारी ।

Published

on

अलीराजपुर से ब्यूरो चीफ नयन टवली कि खबर ✍️

अधिकारी-कर्मचारीगण आयोग के दिशा निर्देश का कडाई से पालन सुनिचित करें ।


अलीराजपुर – कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती संस्कृति जैन ने नगरीय निकाय निर्वाचन 2022 के मद्देनजर समस्त अधिकारी-कर्मचारीगण से अपेक्षित आचरण संहिता के पालन संबंधित निर्देाश जारी किया है। जिसके तहत नगरीय निकाय आम निर्वाचन 2022 को स्‍वंत्रण एवं निष्‍पक्ष रूप से संपन्‍न कराने के लिए राज्‍य निर्वाचन आयोग द्वारा विहित आदर्श आचरण संहिता के तहत शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारियों के लिए दिए गए निर्देशों का अक्षरषः पालन सुनिष्चित किया जाना है। जिसके तहत समस्त शासकीय कर्मचारियों से अपेक्षित आचरण संबंधित दिषा निर्देष दिए गए है। जिसके तहत शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को चुनाव में बिल्‍कुल निष्‍पक्ष रहना चाहिए। यह आवश्‍यक है कि वे किसी को यह महसूस न होने दे, कि वे निष्‍पक्ष नही है जनता को उनकी निष्‍पक्षता का विश्‍वास होना चाहिए, तथा उन्‍हे ऐसा कोई कार्य नही करना चाहिए जिससे ऐसी शंका भी हो सके कि वे किसी दल या उम्‍मीदवार की मदद कर रहे है। संक्षेप में शासकीय कर्मचारियों को किसी भी प्रकार चुनाव प्रचार या अभियान में भाग नही लेना चाहिए, तथा उन्‍हें यह देखना चाहिए कि उनकी सरकार में हैसियत या अधिकारी का लाभ कोई दल या उम्‍मीदवार ना ले सके। निर्वाचन में किसी अभ्‍यर्थी के लिए कार्य करना मध्‍यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के प्रावधानो के विपरीत है। लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम 1951 की धारा 129 एवं 134-क की ओर विशेष रूप से आपका ध्‍यान आकर्षित किया जाता है। जिनके अनुसार निर्वाचनो से संबंध अधिकारी/कर्मचा‍री न तो किसी अभ्‍यर्थी के लिए कार्य करेगा और न मत दिए जाने में कोई असर डालेंगे, इसके अतिरिक्‍त कोई शासकीय सेवक निर्वाचन अभिकर्ता, मतदान अभिकर्ता या गणना अभिकर्ता के रूप में कार्य नही कर सकता है संबंधित धाराओ के उद्धरण परिशिष्‍ट में दिए गए है। लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम 1951 की धारा 28-क के अधीन नियमों के संचालन के लिए सुनियोजित समस्‍त अधिकारी/कर्मचारी तथा राज्‍य सरकार द्वारा पदाभिहित पुलिस अधिकारी निर्वाचन के परिणाम घोषित होने त‍क निर्वाचन आयोग में प्रतिनि‍युक्ति पर समझे जावेंगा और उस समय तक निर्वाचन आयोंग के नियंत्रण और अनुशासन के अधीन रहेंगे। निर्वाचन के लिए सशक्‍त पदीय कर्तव्‍य को यथोचित तरीके से जिम्‍मेदारी पूर्वक करना विधि द्वारा अपेक्षित कर्तव्‍य है। जिसकी अवेहलना शासकीय सेवक को दंड का पात्र बनाती है इस विषय में आपका ध्‍यान विशेष रूप से लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम 1951 की धारा 134 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसका उद्धरण परिशिष्‍ट में दिया गया है।

Trending