गौ वंश को राष्ट्रीय पशु बनाने हेतु अहिंसा यात्रा को 11 दिन में 100 विधायक – सांसदों का मिला समर्थन गौ वंश को राष्ट्रीय पशु बनाने हेतु अहिंसा यात्रा को 11 दिन में 100 विधायक – सांसदों का मिला समर्थन
अहिंसा यात्रा को मिल रहा है सर्वदलीय विधायक – सांसदों का समर्थन 2024 तक गौ वंश को राष्ट्रीय पशु घोषित करवाने का लक्ष्य रतलाम । गौ वंश को राष्ट्रीय पशु घोषित करवाने का लक्ष्य लेकर 18 अगस्त 2022 को मध्य प्रदेश के इंदौर से यात्रा संयोजक विनायक अशोक लुनिया के नेतृत्व में प्रारम्भ हुयी अहिंसा यात्रा को मध्य प्रदेश सहित महाराष्ट्र के भाजपा – कांग्रेस – शिवसेना के विधायक व सांसदों का समर्थन प्राप्त हो रहा है। सुचारु रूप से चल रही यात्रा में अब तक 100 विधायक एवं सांसद का समर्थन प्राप्त हुआ है जिसमे मुख्य चर्चित नाम मध्य प्रदेश से पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं वर्तमान भाजपा विधायक पारस जैन, कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया, विधायक दिलीप गुर्जर, व हाल ही में चर्चा का विषय बनने वाली हॉट सीट से विधायक सुलोचना रावत सहित महाराष्ट्र के सोलापुर विधायक विजय देशमुख, शिवसेना के शिंदे गुट के बहुचर्चित विधायक शाहजीबापु पाटिल एवं भाजपा से राज्यसभा सांसद धनंजय महाडिक का समर्थन प्राप्त हुआ है।
यात्रा संयोजक विनायक अशोक लुनिया ने बताया की अहिंसा यात्रा का मुख्य लक्ष्य है गौ वंश को राष्ट्रीय पशु घोषित करवाना। यह अभियान आज का नहीं वरन 40 साल ज्यादा समय से चलता आ रहा है, यह अभियान पिता जी स्वर्गीय अशोक कुमार जी लुनिया साहब ने 70 की दशक में गौ संरक्षण का मुहीम शुरू किये थे जिसको वर्ष 2011 में गौ वंश को राष्ट्रीय पशु घोषित करो की मांग उठाकर एक राष्ट्रीय मुद्दा बनाया था किन्तु आज तक वह मांग पूर्ण नहीं हो सकी जिसको अब अहिंसा यात्रा के मध्य से देश भर के 4980 विधायक (दोनों सदनों के) एवं 788 सांसदों (दोनों सदनों के) से समर्थन प्राप्त कर महामहिम राष्ट्रपति महोदय को समर्थन पत्र भेंट करते हुए पुरजोर तरीके से अपनी मांग राखी जाएगी।
ज्ञातव्य है कि यात्रा संयोजक विनायक अशोक लुनिया की माताजी का देहांत 4 अगस्त 2022 को हो गया है एवं परिवार के अकेले पुत्र होने के बाद भी वह अपने माता – पिता के सपने को पूरा करने के लिए निकल पड़े, असहनीय अपूरणीय क्षति के बाद भी लुनिया ने अहिंसा यात्रा बाधित नहीं होने दिया। आपको बता दें की यह यात्रा 17 माह 6 दिन की यात्रा है जो की सतत चलती रहेगी। उक्त यात्रा में फ्रंट लाइन सहित प्रबंधन में कुल 140 से अधिक लोगो की टीम कार्यरत है।