गणेश शब्द का अर्थ होता है जो समस्त जीव जाति के ईश अर्थात् स्वामी हो।~~ आजादी के आन्दोलन में गणेश उत्सव ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी – सांसद गुमानसिंह डामोर
गणेश शब्द का अर्थ होता है जो समस्त जीव जाति के ईश अर्थात् स्वामी हो।~~ आजादी के आन्दोलन में गणेश उत्सव ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी – सांसद गुमानसिंह डामोर सांसद श्री डामोर ने अष्टविनायक मंदिर मे की गणपति बप्पा की आरती । रतलाम । भगवान गणेश को बुद्धि का देवता माना जाता है। हिंदू धर्म में किसी भी नए काम को प्रारंभ करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। माना जाता है कि भगवान गणेश की पूजा करने के बाद प्रारंभ होने वाला कार्य हर हाल में पूरा होगा। भगवान शिव व माता पार्वती के पुत्र गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। मान्यता है कि मनुष्य जब भी किसी संकट में फंसता है और सच्चे मन से भगवान गणेश को याद करता है तो उसका संकट टल जाता है। गणेश शब्द का अर्थ होता है जो समस्त जीव जाति के ईश अर्थात् स्वामी हो। गणेश जी को विनायक भी कहते हैं। विनायक शब्द का अर्थ है विशिष्ट नायक। वैदिक मत में सभी कार्य के आरम्भ जिस देवता का पूजन से होता है, वही विनायक हैं। गणेश चतुर्थी के पर्व का आध्यात्मिक एवं धार्मिक महत्त्व है- उक्त उदबोधन रतलाम झाबुआ आलीराजपुर के सांसद श्री गुमानसिंह डामोर ने अष्ट विनायक कॉलोनी मे भगवान सिद्धीविनायक गणपति जी की महामंगल आरती मे सहभागिता के समय सैकडो की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुों एवं कालोनीवासियों को सबांधित करते हुए कही । श्री डामोर का ढोल की थाप के साथ आगमन पर भवभीना स्वागत अष्ट विनायक कालोनी में कालोनीवासियों द्वारा किया गया ।
श्री डामोर ने गणेशोत्सव पर्व के महत्व का जिक्र करते हुए कहा कि देश की आजादी के आन्दोलन में गणेश उत्सव ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। 1894 में अंग्रेजो ने भारत में एक कानून बना दिया था जिसे धारा 144 कहते हैं जो आजादी के इतने वर्षों बाद आज भी लागू है। इस कानून में किसी भी स्थान पर 5 से अधिक व्यक्ति इकट्ठे नहीं हो सकते थे और ना ही समूह बनाकर कहीं प्रदर्शन कर सकते थे। महान क्रांतिकारी बंकिम चंद्र चटर्जी ने 1882 में वन्देमातरम गीत लिखा था। जिस पर भी अंग्रेजों ने प्रतिबंध लगा कर गीत गाने वालों को जेल में डालने का फरमान जारी कर दिया था। इन दोनों बातों से लोगों में अंग्रेजों के प्रति बहुत नाराजगी व्याप्त हो गयी थी। लोगों में अंग्रेजों के प्रति भय को खत्म करने और इस कानून का विरोध करने के लिए महान स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य तिलक ने गणपति उत्सव की स्थापना की और सबसे पहले पुणे के शनिवारवाड़ा में गणपति उत्सव का आयोजन किया गया।इस अवसर पर सांसद श्री गुमानसिंह डामोर ने भगवान श्री गणेशजी की महामंगल आरती भी की । श्री डामोर के साथ श्रीमती सुरत डामोर भी उपस्थित रही । आरती पश्चात सांसद श्री डामोर द्वारा कॉलोनी वासियो से चर्चा भी की गई तथा उनकी समस्याओं का जायजा लेते हुए उनके निराकरण का भरोसा दिलाया । श्री डामोर ने आयोजको के सराहनीय योगदान की प्रशंसा भी की। इस अवसर पर आयोजक विनायक मंडल के सदस्य श्री देवेंद्र वर्मा, श्री आशीष शर्मा, श्री शेलेन्द्र मिश्रा, श्री ब्रजमोहन कुरवाड़े ,श्री संदीप सांकला, श्री धर्मेंद्र राठौर, श्री अमर सिंह चौहान , श्री रवीन्द्र गाडगे, श्री गोविंद व्यास,श्री शुभम जैन, श्री पीयूष जड़िया, श्री शंकर छिपा, श्री संजय भट्ट,श्री अर्जुन लोहार,श्री कैलाश प्रजापत , श्री कपिल मारोठिया , श्री हितेंद्र चौहान सहित बडी संख्या मे गणमान्यजन एवं नागरिक एवं मातृशक्ति उपस्थित रहे ।
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