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रतलाम जिले में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रारंभ की जाएगी काजू की खेती~~अंगूर व स्ट्रॉबेरी पैदावार के लिए प्रसिद्ध जिले में अब पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रारंभ की जाएगी काजू की खेती, 5 हेक्टेयर भूमि में लगाए जाएंगे काजू के पौधे “कलेक्टर ने अधिकारियों के साथ किया विचार-विमर्श

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रतलाम जिले में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रारंभ की जाएगी काजू की खेती

 

अंगूर व स्ट्रॉबेरी पैदावार के लिए प्रसिद्ध जिले में अब पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रारंभ की जाएगी काजू की खेती, 5 हेक्टेयर भूमि में लगाए जाएंगे काजू के पौधे
“कलेक्टर ने अधिकारियों के साथ किया विचार-विमर्श

रतलाम जिले में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में काजू की खेती के लिए तैयारी की जा रही है। उद्यानिकी, कृषि विज्ञान केंद्र तथा कृषि विभाग द्वारा कार्य योजना तैयार की जा रही है। कलेक्टर श्री नरेंद्र सूर्यवंशी द्वारा इस संबंध में मंगलवार को एक बैठक लेकर अधिकारियों से जिले में काजू की खेती को सफल बनाने के लिए विमर्श किया गया। बैठक में योजना का खाका तैयार किया गया। इस बैठक में उप संचालक उद्यानिकी श्री पी.एस. कनेल, उप संचालक कृषि श्री विजय चौरसिया, कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सर्वेश त्रिपाठी, उद्यानिकी विषय वस्तु विशेषज्ञ डॉ. रोहताश उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि विगत दिशा की बैठक में सांसद श्री गुमानसिंह डामोर द्वारा निर्देशित किया गया था कि रतलाम जिले में काजू की खेती की पायलट परियोजना तैयार की जाए। केंद्र शासन द्वारा काजू की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए एक विशेष योजना बनाई गई है जिसके तहत शत-प्रतिशत सहायता का प्रावधान है। उक्त योजना का लाभ रतलाम जिले को भी मिले, इसके लिए जिले में काजू की खेती की तैयारी की जा रही है। प्रारंभिक अवस्था मेंपायलट प्रोजेक्ट के रूप में लगभग 5 हेक्टेयर  भूमि में काजू के पौधे लगाए जाएंगे। काजू का पौधा 4 साल की आयु में फल देने लगता है लगभग 20 वर्षों तक फल देता है।

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