झाबुआ

बीएलओ कमलेश गुप्ता वोटर आईडी से आधार को लिंक करने की प्रक्रिया में कर रहा आनाकानी और नेतागिरी…..

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झाबुआ – संपूर्ण जिले में वोटर आईडी कार्ड से आधार को लिंक करने की प्रक्रिया को संबंधित क्षेत्र के बीएलओ के माध्यम से पूर्ण कराया जाना है । इसी कड़ी में कुछ शिक्षक द्वारा इस कार्य में आनाकानी की जा रही है और कार्य में लापरवाही बरती जा रही है । ऐसा ही मामला झाबुआ विकासखंड के अंतर्गत ग्राम ढेकलबड़ी का आया है जहां बीएलओ कमलेश गुप्ता द्वारा आधार को वोटर आईडी से लिंक करने में आनाकानी की जा रही है और इस तरह जिला प्रशासन के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही है ।

जानकारी अनुसार संपूर्ण जिले में मतदाता आधार व वोटर संग्रहण की मोबाइल डाटा एंट्री की जाना है या वोटर कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करना । और इस कार्य के लिए संबंधित क्षेत्र के बीएलओ को जवाबदारी दी गई है वहीं झाबुआ विकास खंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम ढेकलबड़ी में बीएलओ निलेश वाखला की अस्वस्थता के कारण कार्य करने में असमर्थता जताई गई । तब अनुविभागीय अधिकारी झाबुआ से नवीन आदेश के तहत पत्र क्रमांक 3226 दिनांक 2 सितंबर को नवीन बीएलओ के रूप में प्रा.शि.प्रा. वि. ढेकलबडी के कमलेश गुप्ता को उक्त कार्य के लिए आदेशित किया गया । सूत्रो अनुसार कमलेश गुप्ता द्वारा अपने किसी धार के रिश्तेदार या रीडर से झाबुआ एसडीएम कार्यालय में फोन लगाकर अन्यत्र को इस कार्य हेतु आदेश निकालने की बात कही गई । झाबुआ एसडीएम कार्यालय के दो कर्मचारी ने दिनांक 5 सितंबर को नवीन आदेश पत्र क्रमांक 3253 के माध्यम से शा.उ.माध्यमिक विघालय के शिक्षक योगेंद्र सिंह सोलंकी को इस डाटा एंट्री के लिए कार्यालय प्रमुख से नवीन आदेश दिया गया । वही शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ढेकल बड़ी के प्राचार्य ने भी माध्यमिक शिक्षक योगेंद्र सोलंकी को बीएलओ बनाए जाने पर, शैक्षणिक गतिविधियां प्रभावित होने की बात पत्र के माध्यम से कही तथा यह भी बताया शिक्षक योगेश सोलंकी के पास अन्य प्रभार भी हैं । सूत्रों अनुसार एसडीएम झाबुआ ने शिक्षक योगेश सोलंकी के आवेदन देने के बाद मौखिक रूप से अपने स्टाफ के परमार और कोठरी को नवीन आदेश निकलने की बात कही तथा शिक्षक.योगेंद्र सोलंकी को बीएलओ के पद से मुक्त करने के बाद भी कहीं। लेकिन एसडीएम कार्यालय के दो कर्मचारी परमार और कोठारी द्वारा इस तरह के आवेदनों को सिरे से नकारते हुए, स्वयं के आदेशों के तहत योगेश सोलंकी को यह कहा जा रहा है कि आपको डाटा एंट्री का आधा कार्य करना होगा । जबकि नियुक्त बीएलओ द्वारा बहाना बनाकर अन्य कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है और इस तरह जिले में चुनाव के दौरान नेतागिरी की जा रही है या यूं कहें कि प्राथमिक शिक्षक कमलेश गुप्ता को एसडीएम कार्यालय के इन दो कर्मचारियों का संरक्षण प्राप्त है तभी तो नवीन आदेश निकाले गए । इस तरह के आदेश निकाल कर शिक्षक योगेंद्र सोलंकी को रोजाना एसडीएम कार्यालय के चक्कर लगवाए जा रहे हैं किस उद्देश्य को लेकर…. यह विचारनीय है । प्रश्न यह है कि आखिर इन दो कर्मचारियों का शिक्षक कमलेश गुप्ता से क्या रिश्ता है और आखिर क्यों इस शिक्षक को संरक्षण दिया जा रहा है जबकि जिला प्रशासन का आदेश है कि संबंधित बीएलओ को यह कार्य समय सीमा में पूर्ण करना है । जबकि नियमानुसार कार्य में लापरवाही बरतने पर शिक्षक कमलेश गुप्ता पर शासकीय नियम अनुसार कार्रवाई की जाना चाहिए ,.लेकिन उल्टे उसको बचाने का प्रयास किया जा रहा है आखिर क्यों ….? आखिर क्या कारण है कि यह दोनों कर्मचारी परमार और कोठारी ने एसडीएम झाबुआ के मौखिक आदेशों का पालन कयो.नहीं किया…..। क्या कोई निजी रिश्तेदारी है या फिर कोई आर्थिक रिश्तेदारी है यह जांच का विषय है ।

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