मध्य प्रदेश के इस दंपत्ति ने रचा इतिहास, अफ्रीकी महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी लहराया राष्ट्रध्वज
-दंपत्ति ने अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी पर लहराया तिरंगा -पिछले कई दिनों से तैयारी कर रहे थे दंपत्ति -अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी लहराया तिरंगा -माउंट किलिमंजारो पर 19341 फीट पर पहुंचे दंपत्ति -माउंट किलिमंजारो फतह करने वाले देश के पहली दंपति
रतलाम. रतलाम के साथ साथ मध्य प्रदेश के लिए ये खबर खुशी से झूमाने वाली है। आपको बता दें कि, रतलाम के दंपत्ति ने अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी पर भारतीय तिरंगा लहरा दिया है। इसके लिए पिछले कई दिनों से दोनों तैयारी कर रहे थे। ये भी बता दें कि, इस चोटी पर राष्ट्रध्वज लहराने वाले ये देश के पहले दंपत्ति भी बन गए हैं।
अनुराग और उनकी पटवारी पत्नी सोनाली ने बताया कि, वो अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो जो 5895 मीटर (19341 फीट) तंजानिया पर पर्वतारोहण करने पहुंचे। 13 सितंबर को वे ऊंची चोटी पर पहुंचे। जब दोनों मंत्री ने राष्ट्र ध्वज दिया तब मध्यप्रदेश की पहली महिला पर्वतारोही मेघा परमार, जिन्होंने माउंट एवरेस्ट फतह किया है, भी उपस्थित थी। माउंट किलिमंजारो फतह करने वाले भारत के पहली दंपति के रूप में अनुराग और सोनाली परमार की पहचान अब हमेशा के लिए होगी। 13 सितंबर को माउंट किलिमंजारो पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
भारत के पहले दंपत्ति ने हासिल किया खिताब
जिले के इटावाखुर्द की पटवारी सोनाली परमार और उनके बैंककर्मी पति अनुराग चौरसिया ने 13 सितंबर को अप्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा लहराया है। ये काम करके भारत के पहले दंपति ये दोनों बन गए है, जो सबसे ऊंची चौटी पर पहुंचे है। पति – पत्नी 7 सितंबर को रतलाम से मुंबई के लिए रवाना हुए थे। 8 सितंबर को विमान से तंजानिया पहुंचे और 9 सितंबर को उन्होंने चढ़ाई शुरू की।
दो साल के बेटे को घर छोड़कर माता पिता ने रचा इतिहास
अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो (विश्व का सबसे बड़ा मुक्त खड़ा पर्वत) 5895 मीटर ( 19341फिट ) की ऊंचाई पर 12 सितंबर की रात 11 बजे निकल कर -15 से -20 डिग्री के तापमान में 13 सितंबर को सुबह 6 बजे पहुंच कर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया और राष्ट्रगान गाया। इस तरह ये भारत की पहली दंपति बन गए। ये दंपति अपने दो साल के बेटे रुद्रांजय को अपने माता पिता के पास छोड़कर इतिहास रचने गए थे।(पत्रिका से साभार)