RATLAM

शव रख परिजनों ने हाईवे पर लगाया जाम इप्का और धौंसवास के बीच मंगलवार की शाम को चार पहिया वाहन से हुई थी बाजेड़ा के युवक की मौत, ग्रामीणों में फैला आक्रोश

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शव रख परिजनों ने हाईवे पर लगाया जाम
इप्का और धौंसवास के बीच मंगलवार की शाम को चार पहिया वाहन से हुई थी बाजेड़ा के युवक की मौत, ग्रामीणों में फैला आक्रोश
रतलाम. महू-नीमच हाईवे पर मंगलवार को सडक़ दुर्घटना में नामली थाने के बाजेड़ा गांव के युवक शांतिलाल पिता चौनसिंह डाबी की मौत के बाद उसके गांव वाले और परिजनों में बुधवार को आक्रोश फैल गया। मृतक का बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद शव सौंपा गया तो परिजन और ग्रामीण शव को गांव में घर पर नहीं ले जाते हुए आरोपी पवन मीणा के निवास के बाहर रखकर हाईवे जाम कर दिया। करीब एक घंटे तक चले चक्काजाम से हाईवे पर लंबी कतारें लग गई। अधिकारियों की समझाइश के बाद ग्रामीण माने और शव को उठाकर चक्काजाम हटाया।
घर लौटने के दौरान हुआ था हादसा
शांतिलाल शहर में मिस्त्री का काम करने के लिए अपने गांव से हर दिन आता और शाम को काम खत्म होने के बाद लौट जाता था। मंगलवार की शाम को भी वह काम खत्म होने के बाद बाइक से अपने घर लौट रहा था। जब वह इप्का फैक्टरी से होते हुए धौंसवास तरफ जा रहा था कि पीछे से तेजी से आए चार पहिया वाहन के चालक ने उसकी बाइक को टक्कर मार दी। इससे शांतिलाल की मौके पर ही मौत हो गई थी। शव को जिला अस्पताल के पोस्टमार्टम कक्ष में रखवाकर बुधवार को पोस्टमार्टम किया गया।
इप्का के पास रहता है आरोपी

जिस चार पहिया वाहन से शांतिलाल की मृत्यु हुई उसका चालक पवन मीणा नामक युवक होना सामने आया। देर रात पुलिस ने आरोपी का चार पहिया वाहन बरामद कर लिया था। उसका इप्का के पास मकान है और यहीं पर उसकी दुकानें और इन्हीं दुकानों में उसका कार्यालय भी हैं।

जिलाबदर है आरोपी पवन
आरोपी पवन मीणा जिलाबदर किया जा चुका है और इस अवधि में भी वह रतलाम जिले में ही बेखौफ घुमता पाया गया। यही नहीं उसके वाहन से बाजेड़ा निवासी शांतिलाल की मौत होने के बाद पुलिस हरकत में आई और औद्योगिक क्षेत्र रतलाम पुलिस ने रात में उसे गिरफ्तार कर लिया था।
अधिकारियों की समझाइश पर माने
हाईवे पर शव रखकर चक्काजाम की सूचना मिलने के बाद नामली और औद्योगिक क्षेत्र पुलिस थाना प्रभारी और पुलिल बल मौके पर पहुंचा। एसडीओपी संदीप निगवाल, तहसीलदार, पटवारी सहित अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। परिजनों और ग्रामीणों को समझाया तब मामला शांत हुआ।(पत्रिका से साभार)

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