झाबुआ । विश्व की सर्वाधिक रक्तदाता संस्था अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद ने अपने कर्मठ, युवा, उत्साह एवं देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत हजारों-हजारों युवाओं के सकारात्मक सक्रिय सहयोग से देश के नगरों, महानगरों, कस्बों तथा सुदूर ग्रामीण अंचलों में फैली 350 से अधिक शाखाओं के बल पर रक्तदान के महाभियान “मेगा ब्लड डोनेश ड्राइव” के माध्यम से 17 सितम्बर, 2022 को “रक्तदान का नया इतिहास” रचने की ओर कदम बढ़ा दिए हैं।
अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के “मेगा ब्लड डोनेशन डाइव” के अन्तर्गत आगामी दिनांक 17 सितम्बर, 2022 को आयोजित रक्तदान शिविर के संदर्भ में जानकारी देते हुए तेरापंथ युवक परिषद झाबुआ के अध्यक्ष प्रमोद कोठारी व मंत्री वैभव कोठारी ने बताया कि शहर मे सिविल हॉस्पिटल झाबुआ पर दोपहर 3 बजे से सायं 6 बजे तक स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इच्छुक रक्तदाता ई-रक्तकोष पर अपना पंजीयन अभी से ही करवा कर रक्तदान हेतु 17 सितम्बर को उपस्थित हों ,ताकि रक्तदान में अनावशयक विलंब न हो । उन्होंने यह भी बताया कि रक्तदान करने वाले सभी को तेरापंथ युवक परिषद की ओर से प्रमाण पत्र की वितरित किए गए । यह भी बताया कि क्षेत्र के लोकप्रिय सांसद गुमान सिंह डामोर ने संसदीय क्षेत्र के लोगों से अपील की है कि भी रक्तदान महादान में अवश्य सहयोग करें और औरों को भी रक्तदान करने के लिए प्रेरित करें ।
“वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना को साकार रूप प्रदान करना ही लक्ष्य
आयोजकों ने बताया कि हमारा लक्ष्य देश और विदेश में प्रवासित भारतीय नागरिकों के माध्यम से लगभग 2000 रक्तदान शिविरों का आयोजन कर अनुमानतः 1,50,000 यूनिट से अधिक रक्तदान करवाना है। विशेष उल्लेखनीय है कि न केवल भारत में अपितु विदेशों में प्रवासित भारतीय नागरिकों के माध्यम से लगभग 18 अन्य देशों में 60 से अधिक रक्तदान शिविर आयोजित करवा कर गौरवशाली सनातन परम्परा “वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना को साकार रूप प्रदान करना है।
रक्त का कोई दूसरा विकल्प भी नहीं
जैसा हम सभी जानते हैं कि गत दो-तीन वर्षों से सम्पूर्ण विश्व को अपने क्रूर ताण्डव से संत्रस्त करने वाली महामारी कोविड-19 के भय से स्वैच्छिक रक्तदान के क्षेत्र में भारी कमी आई है। साधारण जनसमुदाय चिकित्सालय, चिकित्सा उपकरण एवं चिकित्सा कर्मियों के सम्पर्क में आने से कतराने लगा हैं। ऐसी स्थिति में ब्लड बैंकों में जमा रक्त एवं रक्त से संबंधित अन्य घटकों में कमी आना स्वाभाविक है। ऐसी विकट परिस्थिति में यदि किसी को खून की अपेक्षा हो तो एक मात्र ‘रक्त के बदले रक्त’ का विकल्प शेष रहता है अर्थात् रक्त की जरूरत महसूस करने वाले रोगी के परिजनों को पहले अपना रक्त ब्लड बैंक में जमा करने पर बदले में उतना ही यूनिट अपेक्षित रक्त उपलब्ध करवाया जा सकता है। रोगी के परिजन अपना खून भी देने के लिए तैयार हो जाते हैं परन्तु कई बार इच्छित ब्लड ग्रुप का रक्त ब्लड बैंक में उपलब्ध नहीं होने पर समस्या विकराल हो जाती है। रक्त का कोई दूसरा विकल्प भी नहीं है।
स्वैच्छिक रक्तदान करे तो देश के ब्लड की कभी नहीं हो कमी
135 करोड की जनसंख्या वाले हमारे देश में लगभग 52 करोड़ ऐसे स्वस्थ व्यक्तियों की विशाल संख्या उपस्थित है जो स्वैच्छिक रक्तदान करे तो देश के ब्लड बैंकों में कभी कोई कमी नहीं आ सकती। भारत में रक्तदान नियमों के अनुसार कोई भी स्वस्थ व्यक्ति 18 से 65 वर्ष की आयु तक प्रति तीन माह में एक बार स्वैच्छिक रक्तदान कर सकता है। इस संदर्भ में यह ध्यातव्य है कि जहाँ एक ओर मानव शरीर की अस्थि मज्जा में नये रक्त-निर्माण की प्रक्रिया सतत चालू रहती है, वही पुरानी रक्त कणिकाएं अपनी लगभग 120 दिन की आयु पूरी करके नये रक्त के लिए स्थान प्रदान करती रहती है। हमारे शरीर में 5 से 6 लीटर रक्त हर समय रक्त वाहिकाओं के माध्यम से सतत प्रवाहित होता रहता है। एक स्वस्थ व्यक्ति एक से दो यूनिट 1 यूनिट 500 मिली लीटर रक्त का दान स्वैच्छा से कर सकता है।
खून की कमी से कोई व्यक्ति असमय न बने काल का ग्रास
अभातेयुप के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज डागा ने बताया की प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमने कोविड-19 की जंग को जीता है। देश के सभी नागरिकों का जीवन भारत सरकार द्वारा निःशुल्क वेक्सीनेशन के माध्यम से सुरक्षित हुआ है। मृत्यु अटल सत्य है परन्तु यह हमारा नैतिक दायित्व है कि हम स्वैच्छिक रक्तदान द्वारा देश के ब्लड बैंकों को इतना समृद्ध कर दें कि खून की कमी से कोई व्यक्ति असमय काल का ग्रास न बने। जन-समूह में जागरूकता पैदा करने और उन्हें स्वैच्छिक रक्तदान के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से आगामी 17 सितम्बर, 2022 को देश के सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के कस्बों, नगरों, महानगरों सहित ग्रामीण अंचलों में लगभग 2000 रक्त-संग्रह-बूथ स्थापित कर रक्तदान का महा-अभियान चलाया जायेगा। इतने विशाल स्तर पर एक दिन एक समयावधि में आयोजित यह रक्तदान अभियान अब तक की अवधि में रक्तदान के संदर्भ में विश्व भर में पहला अभियान होगा जो एक नया विश्व कीर्तिमान गढ़ने की ओर उठाया गया अ.भा. ते.यु.प. का सशक्त और प्रभावी कदम बनेगा। ज्ञातव्य है कि इसी प्रकार के रक्तदान शिविर के माध्यम से 06 सितम्बर, 2014 को देश के 286 स्थानों पर 682 रक्तदान शिविरों के माध्यम से 100212 यूनिट रक्त-संग्रह के साथ संस्था ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम अंकित करवाया था। यह भी विशेष उल्लेखनीय है कि 17 सितम्बर, 2022 को अखिल भारतीय युवक परिषद अपने 58वें स्थापना दिवस को मना रहा है, इसी के साथ एक सुखद संयोग का प्रसंग और जुड़कर इस दिन को विशेष महत्व प्रदान कर रहा है कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 72वां जन्मदिवस भी इसी दिन है।
आयोजन के लिए चार माह से सक्रिय देशभर में कार्यकर्ता
संगठन के राष्ट्रीय महामंत्री पवन मांडोत ने बताया कि उपरोक्त महा-अभियान को सफल बनाने की दिशा में विगत लगभग चार माह से देश भर में सक्रिय 350 से अधिक तेरापंथ युवक परिषद के हजारों कार्यकर्ता स्वयं सेवकों की विशाल टीम एक महान उद्देश्य के साथ प्रायः सभी राज्यों में मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, राजनेताओं, उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारियों, विभिन्न कंपनियों, निगमों के कार्यकारी अधिकारियों, सुप्रसिद्ध अभिनेताओं, मोटिवेशनल गुरुओं, धार्मिक संगठनों एवं धर्मगुरुओं के साथ-साथ जन-साधारण से भेंट कर उन्हें मानव सेवा के इस अनूठे यज्ञ में अपनी क्षमता और योग्यता के अनुसार आहूति समर्पित करने हेतु प्रेरित करने का सतत प्रयास कर रहे हैं। यह विशेष उल्लेखनीय है कि अब तक सैकड़ों नेताओं, अभिनेताओं, धर्म-गुरुओं, विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों जैसे रॉबिनहुड आर्मी, भारतीय जनता युवा मोर्चा, इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी, रॉटरी क्लब, लॉयन्स क्लब, बी. जे. एस. जीतो, बडावदा सेवा समिति, जन अभियान परिषद, रक्तदान महादान ग्रुप, समस्त जैन सोश्यल ग्रुप, लियो ग्रुप दाउदी बोहरा समाज आदि के साथ-साथ भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण एवं रेल मंत्रालय का सम्पूर्ण नैतिक समर्थन प्राप्त हुआ है। मार्केटिंग की आधुनिक शैली अपनाते हुए विविध प्रकार की ब्रांडिग सामग्री, जैसे रक्तदान संबंधी गीत, मोबाइल कॉलर ट्यून, टेबलटॉप, टी-शर्ट, दुपट्टा, कुर्ते, जैकेट्स, साड़ी, टोपी, बिलों एवं रसीदों में वाटरमार्क, रेलवे स्टेशनों पर मोटीवेशनल अनाउंसमेंट, बॉल-पेन, कॉपी आदि का निर्माण कर रक्तदाता को प्रेरित किया जा रहा है।
ई-रक्तकोष पर एक ऐसा डाटा बैंक होगा तैयार
अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के महत्वपूर्ण प्रकल्प “मेगा ब्लड डोनेशन डाइव” के राष्ट्रीय संयोजक हितेश भांडिया ने एम.बी.डी.डी. रक्तदान महाभियान के सन्दर्भ में अभातेयुप की दूरदर्शी सोच को उजागर करते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य मात्र रक्तदान के द्वारा रक्त एकत्रित करना ही नहीं अपितु इसके माध्यम से ई-रक्तकोष पर एक ऐसा डाटा बैंक तैयार कर देश को समर्पित करना है कि भविष्य की आपातकालीन परिस्थितियों में इस डाटा के माध्यम से रक्तदाताओं से पुनः सम्पर्क कर रक्त आवश्यकताओं की सहज पूर्ति की जा सके। साथ ही साथ रक्तदाताओं के मन में देशभक्ति की भावना का संचार करते हुए देश के क्षितिज पर उनके द्वारा रक्तदान के माध्यम से प्रदान अमूल्य जीवनदान को इस प्रकार प्रतिष्ठित करना है कि उसके आगे सभी दान गौण महसूस हो। जरुरतमंदों को रक्तदान यानि नया जीवनदान। “मेगा ब्लड डोनेशन ड्राइव” के राष्ट्रीय सह-संयोजक सौरभ पटवारी ने एम.बी.डी.डी. को प्राप्त व्यापक समर्थन की चर्चा करते हुए कहा कि यह हमारे लिए अत्यंत गौरव एवं गर्व की बात है कि भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के प्रतीक चिन्ह लोगो की छाया में काम करने का अवसर हमें मिला और इसी के साथ नेशनल हैल्थ मिशन तथा स्टेट ब्लड टासफ्युजन काउन्सिल जैसी प्रतिष्ठित सरकारी संस्थाओं का पूर्ण समर्थन एवं सहयोग भी प्राप्त हो रहा है। साथ ही साथ विश्व के सबसे बड़े रेल नेटवर्क “भारतीय रेल” के माध्यम से लगभग सभी रेलवे स्टेशनों पर इस रक्तदान अभियान को प्रमोट करने हेतु मोटिवेशनल अनाउंसमेंट भी किया जा रहा है। राष्ट्रसंत आचार्य तुलसी की दूरदृष्टि युक्त सद प्रेरणा से स्थापित प्रेक्षा-प्रणेता आचार्य महाप्रज्ञ की अमृतमयी प्रेक्षा साधना से सिंचित और युगप्रधान आचार्य महाश्रमण के सतत आध्यात्मिक मार्गदर्शन में मानव सेवा को समर्पित अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद आई एस ओ पंजीकृत एक ऐसा गैर-सरकारी संगठन है जिसने बहु-आयामी सेवा कार्यों से तेरापंथ धर्मसंघ के साथ-साथ सम्पूर्ण जन-मानस में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। इस संगठन द्वारा किये जा रहे जनोपयोगी सेवा कार्यों की लम्बी सूची में से कुछ चुने हुए कार्य निम्नानुसार है।
⚫ 11 राज्यों में 66 आचार्य तुलसी डायग्नोस्टिक सेंटर के माध्यम से उच्च-गुणवत्ता युक्त रोग निदान एवं जांच कार्य । सर्वाधिक रक्तदाता संस्था द्वारा निरंतर गतिशीलता के साथ स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों का अनवरत आयोजन।
⚫ नेत्रदान की प्रेरणा के साथ प्रतिवर्ष सैंकड़ों नेत्रदान कार्य । बाढ़, भूकम्प, प्राकृतिक आपदाओं के समय तेरापंथ टॉस्क फोर्स के माध्यम से जनसेवा भारत सरकार के नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स से प्रशिक्षित युवाओं को इस टॉस्क फोर्स में शामिल किया जाता है। रक्तदान के क्षेत्र में संस्था की कुछ उपलब्धियों पर भी प्रसंगवश दृष्टिपात उपयुक्त है
⚫ 17 सितम्बर, 2012 को देश में 276 शहरों एवं कस्बों में 651 रक्तदान शिविरों के माध्यम से 96,600 यूनिट रक्त संग्रह का कीर्तिमान ।
⚫ 06 सितम्बर, 2014 को देश के 286 स्थानों पर 682 रक्तदान शिविरों के माध्यम से 100212 यूनिट रक्त-संग्रह। गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज।
⚫ सन् 2016 में एक वर्ष तक निरन्तर 366 दिन तक 410 स्थानों पर 468 रक्तदान शिविरों के साथ विश्व में सबसे लम्बे समय तक निरन्तर चलने वाले रक्तदान अभियान के रूप में इण्डिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम अंकित हुआ।
⚫ सन् 2020 में कोविड-19 की विकट परिस्थितियों व लॉकडाउन की स्थिति में भारत सरकार के अनुरोध पर लगभग 55000 यूनिट रक्तदान एवं एक माह में 2000 यूनिट प्लाज्मा डोनेशन के साथ एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, ग्लोबल रिर्कार्ड एण्ड रिसर्च फाउण्डेशन, एशिया पैसिफिक रिकॉर्ड्स और ग्लोबल रिकॉर्ड्स में नाम अंकित हुआ।