“रतलाम,। मुस्लिम सहपाठी युवती से विवाह करने के बाद मुस्लिम कïट्टरपंथियों के निशाने पर आए डाक्टर दम्पत्ति को पुलिस ने सशस्त्र सुरक्षा गार्ड मुहैया करा दिया है। इ खबरटुडे पर डाक्टर दम्पत्ति की खबर प्रकाशित होने के बाद पुलिस प्रशासन सक्रिय हुआ और डाक्टर दम्पत्ति को एसएएफ का एक सशस्त्र जवान उनकी सुरक्षा के लिए तैनात कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि डाक्टर भरत शर्मा ने अपनी मुस्लिम सहपाठी युवती से वैदिक रीति से विवाह किया था। विवाह के बाद से ही वे मुस्लिम कïट्टरपंथियों के निशाने पर आ गए थे। उन्हे जान से मारने और उनकी धर्मपत्नी के अपहरण की धमकियां दी जा रही थी और उन पर हमले के एकाधिक बार प्रयास भी किए गए थे। जेहादी तत्वों के खतरे के चलते डा. शर्मा लगातार अपने ठिकाने बदलने पर मजबूर थे। विवाह के बाद के तीन चार वर्षों में वे दस से ज्यादा स्थान बदल चुके थे।
इसके बाद डा. शर्मा ने इन्दौर उच्च न्यायालय की शरण ली। इन्दौर उच्च न्यायालय ने रतलाम पुलिस अधीक्षक को डा. भरत शर्मा को एक सप्ताह के भीतर सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दिए थे। उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद भी जब डा. शर्मा को सुरक्षा उपलब्ध नहीं करवाई गई,तब इ खबरटुडे ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। इ खबरटुडे की खबर प्रकाशित होने के बाद पुलिस प्रशासन ने तोबडतोड डा. शर्मा को सुरक्षा गार्ड उपलब्ध करवा दिया।
सुरक्षा गार्ड उपलब्ध हो जाने के बाद डा. शर्मा व उनकी पत्नी बेहद प्रसन्न है। डर के साये में जीने की उनकी मजबूरी अब समाप्त हो चुकी है। डा. शर्मा ने सुरक्षा गार्ड उपलब्ध कराने पर पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी का आभार व्यक्त किया है।(इ खबरटुडे)से साभार