रतलाम. अपने पितरों को तृप्त करने के लिए और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए वैदिक काल के धर्मशास्त्रों में पितृकर्म का वर्णन किया गया है. इसलिए हर वर्ष श्रद्धालु अपने पितरों को श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए श्राद्ध कर्म और पिण्डदान का आयोजन करते हैं
सनातन संस्कृति में श्राद्ध और तर्पण का बड़ा महत्व है. अपने पितरों को तृप्त करने के लिए और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए वैदिक काल के धर्मशास्त्रों में पितृकर्म का वर्णन किया गया है. इसलिए हर वर्ष श्रद्धालु अपने पितरों को श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए श्राद्ध कर्म और पिण्डदान का आयोजन करते हैं. इन दिनों सोलह दिन का श्राद्ध पक्ष (पितृ पक्ष) चल रहा है. इसके तहत रतलाम की जिला जेल में कैदियों ने अपने पितरों के निमित्त श्राद्धकर्म का आयोजन कर उनको तृप्त किया.