अलीराजपुर – वोटर पूछ रहे सवाल, चुनाव जीतकर आए तो पहला काम क्या करेंगे पार्षदजी… जीतकर आप ही जाएंगे नगरपालिका या फिर रिश्तेदारों को सौप देंगे कमान…नियम हुए सख्त, अब जो जीता वही सिकंदर की तर्ज पर जितने वाला ही बैठेगा परिषद बैठक में… तो अब जो सक्रिय उसे ही चुनेगी जनता…
मतदाता उनको चुने जो उठा सकें उनकी आवाज़… नहीं तो हर बार की तरह इस बार भी पार्षद जीतकर कामधंधे में लगे रहें और दुसरे करते रहें पार्षदगिरी… पर इस बार इसकी नहीं है छुट,नपा में अब डमी पार्षद नहीं चल पाएगा। तो चुनो उसे जो बैसाखी (दुसरे के सहारे) पर ना चलकर खुद जाए नगरपालिका, बैठे परिषद में और वार्ड की उठाए आवाज़….
नगर के जीन वार्डो में पार्षद पद पर महीला प्रत्याशी उम्मीदवारी कर रही है, उन वार्डो में सक्रिय महिला नेत्री को ही पार्षद पद का दायित्व सौंपने की मांग अब मतदाताओं ने तेज कर दी हैं। जागरूक मतदाताओं का स्पष्ट कहना हैं कि महिलाओ वाले वार्ड में सक्रिय महिलाओ को ही पार्षद पद की बागडोर सौंपना चाहिए, ताकि नपा में पार्षद पति का या उनके परिवार के अन्य लोगों का राज लागू न हो सके। हालाकि नियमों के सख्त होने के बाद से अब इस तरह की संभावनाएं कम होगी ।
पुर्व में जीती हुई कुछ महीला पार्षदों की बात अगर हम करे तो, वे कभी-कबार ही (वह भी शायद) नगर पालिका में जाती थी, बाकी समय तो उनके परिवार के सदस्य या फिर परिवार का अन्य कोई रसूखदार व्यक्ति ही जाता था। इसलिए इस बार मतदाताओं को यह ध्यान में जरूर रखना होगा, कि वह अपने वार्ड से एक ऐसा पार्षद चुने जो वार्ड की समस्याओं को परिषद में रख सके। न कि पिछली बार की तरह हों की,किसी को वोट देकर जिताया तो सही, लेकिन पार्षद के पास समय नही रहने के चलते वह कभी परिषद की बैठक में पहुचा ही नही। बता दें कि,कुछ पार्षदों के तो यह हाल रहे है कि उनके परिजन ही परिषद की बैठक अटेंड करते रहे….।