रतलाम,~ आल इंडिया रीजनल रूरल बैंक एम्पलाईज एसोसिएशन मध्यप्रदेश के प्रांतीय महासचिव केके गौर ने बताया कि ग्रामीण बैंकों में शुक्रवार, 23 सितंबर को एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल रहेगी। निजीकरण का विरोध करते हुए 11 सूत्रीय मांगों के समर्थन में सभी 43 ग्रामीण बैंकों के 600 जिलों में कार्यरत 22000 शाखाओं के 95000 से अधिक अधिकारी एवं कर्मचारी इस सांकेतिक हड़ताल में शामिल होंगे।
उन्होंने बताया कि उपरोक्त आव्हान के तहत प्रधान कार्यालय इंदौर एवं सभी 14 क्षेत्रीय कार्यालय पर दोपहर 11 बजे से प्रदर्शन करेंगे एवं बैंक अध्यक्ष को प्रधान कार्यालय में तथा सभी क्षेत्रीय कार्यालयों में क्षेत्रीय प्रबंधकों को ज्ञापन देंगे। यह ज्ञापन भारत सरकार को संबोधित है। उपरोक्त हड़ताल ग्रामीण बैंक के सबसे बड़ेे संगठन आल इंडिया रीजनल रूरल बैंक एम्पलाईज यूनियन एसोसिएशन द्वारा अपने सदस्यों की शक्ति के साथ अकेले की जा रही है।
गौर ने बताया कि ग्रामीण बैंक को भी भारत सरकार निजीकरण की ओर ले जा रही है। भारत सरकार ने आवश्यक पूंजी जुटाने हेतु शेयर बाजार के माध्यम से ग्रामीण बैंकों के लिए आईपीओ लाकर पूंजी जुटाने के निर्देश जारी कर दिए है, जबकि एसोसिएशन सभी ग्रामीण बैंकों को एक करते हुए भारतीय राष्ट्रीय ग्रामीण बैंक बनाकर ग्रामीण भारत से सीधी जुड़ी 100 करोड़ की आबादी के लिए एक बैंक स्थापित करने की मांग कर रही है, इसके लिए धरना आंदोलन किया गया, 110 से ज्यादा सांसदों को ज्ञापन दिया जा चुका है। इसी के साथ 30 हजार से अधिक रिक्त पदों, 20 हजार सेे अधिक दैनिक वेतन भोगिया व अस्थाई कर्मचारियों को नियमित करने, मृतक आश्रित सेवा योजना को 2014 से लागू करने, नई पेंशन योजना को वापस लेने, सेवा शर्तों एवं प्रमोशन नीति को बैंकिंग उद्योग अनुसार समान रुप से लागू करने जैसी अनेक मांगेें हमारे आंदोलन का हिस्सा है। गौर ने कहा कि यदि भारत सरकार ने मांगों का निराकरण नहीं किया तो अनिश्चितकालीन बैंक बंद हड़ताल की जाएगी।”