झाबुआ

झाबुआ – कलेक्टर श्रीमति रजनी सिंह ने जिले में लम्पि रोग का प्रकोप बढ़ते देख पशुओं के आवागमन एवं हाट बाजार पर प्रतिबंध लगाया ।

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झाबुआ से जिला प्रतिनिधि नयन टवली की खबर ✍️

यह आदेश 03 अक्टूबर 2022 से 22 अक्टूबर 2022 तक प्रभावशील रहेगा ।

कलेक्टर श्रीमती रजनी सिंह ।


झाबुआ – जिला दण्डाधिकारी श्रीमति रजनी सिंह के आदेशानुसार दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अधीन उपसंचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग जिला झाबुआ के पत्रानुसार संचालनालय पशुपालन एवं डेयरी विभाग मध्यप्रदेश भोपाल के पत्र से ग्राम गवसर विकास खण्ड राणापुर एवं ग्राम पिटोल विकास खण्ड झाबुआ तथा गुजरात राज्य, राजस्थान राज्य के पशुओं में लम्पी चर्मरोग के प्रकोप को दृष्टिगत रखते हुए भारत सरकार द्वारा एडवायजरी के अनुसार रोग नियंत्रण के लिए पशुओं के आवागमन एवं हाट-बाजार पर प्रतिबंध लगाया जाना आवश्यक बताया गया है , इस हेतु जिले में लगने वाले समस्त पशुहाट बाजारों को 15 दिवस के लिए तथा राज्यों एवं जिलों से पशु आवागमन को प्रतिबंधित किये जाने हेतु कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी जिला झाबुआ के द्वारा प्रतिबंधात्मक आदेश पूर्व में जारी किया गया था , वर्तमान में जिले के पशुओं में लम्पी चर्मरोग का प्रकोप लगातार बढता जा रहा है तथा इंदौर संभाग के समस्त जिलों में प्रकोप फैल चुका है। प्रकोप को दृष्टिगत रखते हुए भारत सरकार द्वारा जारी एडवाईजरी के अनुसार रोग नियंत्रण के लिए पशुओं के आवगमन एवं हाट-बाजर पर आगामी 22 अक्टूबर 2022 तक के लिए प्रतिबंधित आदेश जारी किया जाना प्रस्तावित किया गया है।
किसी भी व्यक्ति या संस्थान द्वारा गौवंश/भैसवंश का परिवहन किसी भी प्रकार के वाहन या व्यक्तिगत पैदल रूप से गुजरात राज्य एवं राजस्थान राज्य की सीमाओं से जुडे जिलों से झाबुआ जिले में प्रवेश नहीं किया जाये। झाबुआ जिले के अन्तर्गत लगने वाले समस्त पशु हाट-बाजारों में पशुओं के क्रय-विक्रय पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाता है। झाबुआ जिले में वाहनों के माध्यम से पशुओं का आवागमन पूर्णतया प्रतिबंधित किया जाता है। पशुओं का किसी माध्यम से झाबुआ जिले के बाहर जाना तथा अन्य जिले से झाबुआ जिले में प्रवेश का प्रतिबंधित किया जाता है। झाबुआ जिले के राजस्व अनुभाग झाबुआ की सीमा में अन्य राजस्व अनुभाग से पशु वाहनों का प्रवेश तथा राजस्व अनुभाग झाबुआ की सीमा से बाहर पशुओं के आवागमन को प्रतिबंधित किया जाता है। लम्पी चर्मरोग से प्रभावित पशुओं को ग्राम से सार्वजनिक जलाशयों पर पानी पिलाया जाना प्रतिबंधित रहेगा ।

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