थांदला (वत्सल आचार्य)-परंपरागत रूप मे धूम धाम से मनाया जाने वाला दशहरा पर्व इस वर्ष थांदला नगर के नागरिकों को सादगी पूर्ण तरीके से मनाना पड़ा। परंपरागत रूप से 3 दिनों तक चलने वाले विजया दशमी मावेशी मेले मे दूर दराज से हजारों ग्रामीण रावण दहन,रंगारंग आतिशबाजी,संस्कृतिक कार्यक्रम देखने के लिए आते है विगत 2 वर्ष से कोरोना की वजह से सादगी पूर्ण तरीके से मनाया जाता रहा है साथ हि इस वर्ष लम्पी वायरस का प्रकोप होने से स्थानीय प्रशाशन ने पशु मेला स्थगित किया तथा मेला नहीं लगा कर सादगी पूर्ण तरीके से औपचारिक रावण दहन का कार्यक्रम आयोजित किया।
हलाकि प्रशासन ने लम्पी वायरस के करण मेला स्थगित तो कर दिया परन्तु आम लोगो तक यह संदेश पहुचाने मे नाकाम सिद्ध हुआ नतीजतन सैकड़ो दुकानदार,झूले चकरी वाले सूचना /मुनादी के आभाव मे अपनी दुकाने ले कर मेला परिसर पहुंच गए तो हजारों की तादात मे दर्शक रावण दहन का लुफ्त उठाने पहुंच गए।
गैर जिम्मेदार प्रशाशन अपनी जवाबदेही से पल्ला झड़ता नजर आया मेला ग्राउंड मे जँहा हजारों की तादात मे भीड़ इकट्ठा हुई तो वाही ना तो पर्याप्त विधुत व्यवस्था थी ना हि पर्याप्त पुलिस बल। प्रशाशक अनिल भाना से इस सम्बन्ध मे बात की तो उन्होंने बताया की ये नगर परिषद का मामला है cmo चाहे तो उचित व्यवस्था कर विजया दशमी पर्व घूम धाम से मना सकते है।परन्तु नगर परिषद के कर्मचारी टेंडर नहीं हो सकते आचार संहिता के करण देरी होगई कह कर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ कर निकल गए। नतीजतन मेला ग्राउंड मे पर्याप्त विधुत व सुरक्षा व्यवस्था देखने को मिली रामायण पाठ तेजाजी नाटक मंचन भी नहीं हो सका। परिषद कर्मियों के इस रवैये से नगर मे रोश व्याप्त है।