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कृषकों को सलाह 

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         धार, 13 अक्टूबर 2022/   उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग ने बताया कि जिले मे गतवर्ष 713.2 मिली मीटर तथा इस वर्ष 836.4 मिलीमीटर वर्षा हुई है। गतवर्ष की तुलना मे इसवर्ष 123.2 एमएम वर्षा अधिक हुई है । विशेष तौर पर फसल कटाई के समय भारी वर्षा हुई, जिससे इस समय भूमि मे पर्याप्त नमी उपलब्ध है। नमी संरक्षित करते हुए आगामी समय मे लगभग 10 से 15 दिन मे किसान भाई चना फसल की बुवाई कर सकते है । इसके पश्चात 15 दिन बाद ही गेहॅू की बुवाई करने की सलाह दी जाती है । 

           जिले मे वर्तमान मे सहकारी समिति एवं निजी पंजीकृत विक्रेताओं के यहॉ विभिन्न प्रकार के उर्वरक जैसे-यूरिया, डीएपी, एनपीके, पोटाश एवं सिंगल सुपर फास्फेट उर्वरक उपलब्ध है । गेहॅू सिंचित फसल मे एन:पी:के-120:60:40 किग्रा की आवश्यकता होती है। इसकी पूर्ति हेतु विकल्प-1 के रूप मे यूरिया 261 किग्रा, सिंगल सुपर फास्फेट-375 किग्रा एवं पोटाश 67 किग्रा प्रति हेक्टेयर उपयोग कर सकते है । विकल्प-2 के रूप मे डीएपी- 130 किग्रा, यूरिया 210 किग्रा एवं पोटाश 67 किग्रा प्रति हेक्टेयर उपयोग कर सकते है । विकल्प-3 के रूप मे एनपीके (12ः32ः16) 187 किग्रा, यूरिया 212 किग्रा एवं पोटाश 16 किग्रा का उपयोग कर सकते है । चना फसल सिंचित हेतु विकल्प-1 के रूप मे यूरिया 43 किग्रा, सिंगल सुपर फास्फेट-375 किग्रा प्रति हेक्टेयर उपयोग कर सकते है ।

विकल्प-2 के रूप मे डीएपी- 130 किग्रा, प्रति हेक्टेयर उपयोग कर सकते है । विकल्प-3 के रूप मे एनपीके (12ः32ः16) 192 किग्रा, का उपयोग कर सकते है।उपरोक्त तीनो विकल्पो मे से विकल्प-1 जिसमे सिंगल सुपर फास्फेट की अनुसंशा की गई है जो विशेषकर मालवा क्षेत्र के लिए बहुत अधिक फायदेमंद है, जो अन्य विकल्प की तुलना मे सस्ता है। इसमें तीन पोषक तत्व स्फूर, केल्शियम व सल्फर मिलते है। इसलिए सिंगल सुपर फास्फेट वाले विकल्प का उपयोग करना चाहिये। जिससे फसलों को एनपीके पौषक तत्व के अतिरिक्त सल्फर व केल्शियम पौषक तत्व कि भी पूर्ति की जा सकती है। इसके साथ ही किसान भाई 20ः20ः0ः13 उर्वरक का भी कंदवाली फसले जैसे-प्याज, लहसून, आलू एवं तिलहनी फसलो मे उपयोग कर सकते है ।

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