झाबुआ

दलाल आनंद के संरक्षण में अवैध शराब माफिया अब भी प्रशासन की पकड़ से कोसों दूर……..?

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झाबुआ – मध्यप्रदेश शासन के निर्देशानुसार जिले में नशा मुक्ति अभियान को लेकर पुलिस विभाग और आबकारी विभाग द्वारा लगातार कारवाई की जा रही है । पुलिस विभाग द्वारा नशा मुक्ति अभियान को लेकर जिले में जन जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है वहीं पुलिस विभाग द्वारा जिले में मादक द्रव्यों के अवैध निर्माण, विक्रय संग्रहण एवं परिवहन के विरूद्ध जिले के विभिन्न होटलों ढाबों एवं वाहनों की लगातार सघन तलाशी की गई एवं अभियान अंतर्गत सैकड़ों लीटर अवैध शराब भी जप्त की गई । इस अभियान से यह स्पष्ट हो गया कि पुलिस द्वारा इस नशा मुक्ति अभियान को लेकर जो सफाई अभियान चलाया वह काबिले तारीफ है लेकिन इस कारवाई से यह जरूर है पुलिस को स्पष्ट रूप से जानकारी में हैं कि जिले मे अवैध शराब का कारोबार जोर शोर से कार्य कर रहा है । तथा कहां-कहां पर अवैध माफियाओं द्वारा यह अवैध शराब सप्लाई की जाती है । लेकिन पुलिस विभाग द्वारा भी मात्र छोटे-छोटे अवैध शराब विक्रेताओं पर कारवाई कर अभियान की पूर्ति की गई है और बड़े अवैध शराब माफियाओं को बचाया गया है । खैर मूल रूप से यह काम आबकारी विभाग का है ।

जिले में नशा मुक्ति अभियान के अन्तर्गत, कलेक्टर झाबुआ श्रीमती रजनी सिंह के निर्देशन में तथा जिला आबकारी अधिकारी डॉ.शादाब अहमद सिद्दीकी के मार्गदर्शन में आबकारी विभाग झाबुआ द्वारा दिनांक 02 अक्टूबर 2022 से 18 अक्टूबर 2022 तक मादक द्रव्यों के अवैध निर्माण विक्रय, संग्रहण एवं परिवहन के विरूद्ध जिले के विभिन्न स्थानों, होटल, ढाबों वाहनों की सघन तलाशी एवं छापामार कार्यवाही करते हुए 178 प्रकरण कायम कर 178 अपराधियों के विरुद्ध मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की विभिन्न धाराओं के तहत् कार्यवाही की गई। इस अवधि में 1433 लीटर अवैध मदिरा जप्त की गई जिसका बाजार मूल्य राशि रूपये 328267 है। आबकारी विभाग द्वारा भी नशा मुक्ति अभियान के अंतर्गत मात्र 16 दिनों में ही 14 सौ से अधिक लीटर अवैध मदिरा जप्त की तथा 178 अपराधियों के विरुद्ध कारवाई की गई , जो इस बात को स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि जिले में अवैध शराब का कारोबार लगातार जारी है आबकारी विभाग द्वारा भी कागजी खानापूर्ति है हेतू छोटे-छोटे शराब व्यापारी पर कारवाई कर जिला कलेक्टर को यह दर्शाने का प्रयास किया है कि आबकारी विभाग सतर्क और जागरूक है । लेकिन यदि नजरिया को पलटा जाए तो आबकारी विभाग द्वारा मात्र छोटे छोटे अवैध शराब विक्रेताओ पर कारवाई की गई और बड़े-बड़े अवैध शराब माफियाओं को इस कारवाई से दूर रख कर उन्हें बचाने का प्रयास किया गया हैं । आबकारी विभाग द्वारा उन बडे अवैध शराब माफिया पर कोई कार्यवाही नहीं की गई जो जिले में इन छोटे शराब विक्रेताओं को अवैध रूप से शराब उपलब्ध कराता है और अपनी जेबें गर्म करता है । सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि इन सभी बड़े अवैध व्यापारीयो को दलाल आनंद द्वारा कारवाई के पहले ही सूचना दे दी जाती है । जिससे यह अवैध शराब माफिया कुछ समय के लिए नजरअंदाज हो जाते हैं और कागजी खानापूर्ति है हेतू छोटे-छोटे शराब विक्रेताओं को पकड़ा जाता है । इस तरह की सूचना के लिए इन अवैध शराब माफियाओं द्वारा एक निश्चित टोकन मनी दलाल आनंद को दी जाती है और आनंद द्वारा टोकन के एवज में कारवाई की सूचना दी जाती है या फिर सभी की तरह की कारवाई से बचाया जाता है जिले में अवैध शराब माफियाओं दलाल आनंद के सरंक्षण में ही दिन दुगनी रात चौगुनी की तर्ज पर विकास कर रहे हैं और जिले में नशे को बढ़ावा दे रहे हैं । दलाल आनंद के संरक्षण में ही जिले के पिटोल से होकर गांधी के गुजरात में अवैध शराब सप्लाई का कारोबार जमकर होता है । तथा यह अवैध शराब विक्रेता गुजरात के अनेक जिलों में इसे खपाते हैं । वही जिले के पिटोल के अंतर्गत वट्ठा गांव का शराब ठेके की राशि और गांव की जनसंख्या पर ध्यान दिया जाए तो स्पष्ट नजर आ जाएगा कि अवैध शराब माफियाओं ने इस क्षेत्र को अपना अड्डा बना रखा है। जिले में जो पुलिस और आबकारी द्वारा नशा मुक्ति को लेकर जो कारवाई की जा रही है वह कहीं ना कहीं छोटे शराब विक्रेताओं पर ही की जा रही है अब भी बड़े अवैध शराब माफिया पुलिस और आबकारी विभाग की पकड़ से कोसों दूर है । वही दलाल आनंद द्वारा इन्हें पूर्ण संरक्षण देकर प्रशासन की पकड़ से दूर किया जा रहा है । क्या शासन-प्रशासन दलाल आनंद जेसे एजेंट को लेकर भी कोई छानबीन, जांच और कारवाई करेगा या फिर इस जिले में नशे का अवैध कारोबार यूं ही फलता फूलता रहेगा…..?

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