झाबुआ

वरिष्ठ साहित्यकार यषवंत भंडारी ‘यष’ की ‘‘समुंदर में मोती’’ सप्तम काव्य रचना समाज में नव-चेतना और प्रेरणा लाने का करेगी कार्य -ः विवि कुलपति प्रो. अखिलेशकुमार पांडेय

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दौलत गोलानी
 मप्र की धर्म नगरी उज्जैन में आयोजित गरिमामय समारोह में साहित्यकार श्री भंडारी ‘यष’ को ‘‘साहित्य सृजक’’ की उपाधि से नवाजा गया    
गरिमामय रूप में ‘‘समुंदर में मोती’’ पुस्तक का हुआ भव्य विमोचन
झाबुआ। ‘‘समुंदर में मोती’’ रचना को लिखकर झाबुआ जिले के वरिष्ठ साहित्यकार एवं समाजसेवी यषवंत भंडारी ‘यष नेे समाज में एक नव संदेश देने का अभिनव प्रयास किया है।ं आज जब विकृत साहित्य का बोलबाला हैख् ऐसे समय में युवाओं और समाज को सहीं दिग्दर्शन करने का सफल प्रयास इस पुस्तक के माध्यम से हो सकेगा, जो अतुल्नीय एवं सराहनीय है।
 उक्त प्रेरणादायी उदबोधन मप्र की धर्म नगरी उज्जैन में राष्ट्रीय षिक्षक संचेतना द्वारा आयोजित गरिमामय पुस्तक विमोचन एवं सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि विक्रम विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो. अखिलेषकुमार पांडेय ने व्यक्त किए। समारोह में मुख्य रूप से वरिष्ठ साहित्यकार यशवन्त भंडारी ‘यश’ की नव सृजित सातवीं पुस्तक ‘‘समुंदर में मोती’’ का सभी अतिथियांे ने मिलकर गरिमामय रूप से कर्तल ध्वनि के बीच विमाचेन किया। आपने कहा कि इस पुस्तक की एक-एक क्षणिकाओं एवं भावों में यथार्थ का वर्णन है, जो पाठक को आत्म प्रेरित करने के साथ समाज में नव-संदेश देती है। इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक एवं हिन्दी अध्ध्ययन शाला के विभागाध्यक्ष शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने कहा कि इस पुस्तक में लेखक ने अपने मनोभावों को प्रस्फूट करते हुए समाज, धर्म, दर्शन, पारिवारिक एवं सामाजिक विषयांे पर गहन चिंतन का समावेष किया है। जीवन के अनुभव के ‘‘गहरे समुंदर’’ मंे गोते लगाकर जो बहुुमूल्य मोती चुने है, वह साहित्य जगत के लिए अनमोल एवं सार्थक साबित होंगे तथा पाठकों के लिए प्रेरणास्पद रहेंगे।
कम शब्दों में अधिक बातों का समावेष
इंदौर से पधारी वरिष्ठ कथा लेखक एवं कवियत्री डाॅ. ज्योति जैन एवं राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीके शर्मा ने भी पुस्तक की क्षणिकाओं को श्रेष्ठ बताते हुए श्री भंडारी ‘यष’ के उत्कृष्ट लेखन को सराहा। समारोह में पुस्तक की समीक्षा प्रस्तुत करते हुए जिला आजाद साहित्य परिषद् सचिव शरतचन्द्र शास्त्री ने कहा कि जिन सूत्रों के दर्शन से श्री भंडारी ने मानवीय संवेदनाओ, जीवन आशा, रहस्य और अध्यात्मक विषयो से प्रेरित हुए, उन्हीं को कम शब्दों में क्षणिकाओं के रुप में प्रस्तुत करने का साहसिक प्रयास काम आपने किया है। इस अवसर पर पुस्तक के रचियता श्री भंडारी ने कहा कि आज के व्यस्ततम जीवन में व्यक्ति के पास बड़ा एवं लंबा साहित्य पढ़ने का समय नही ंहै, ऐसे में कम शब्दों में जीवन के पूरे सार को प्रस्तुत यह पुस्तक, पाठकों के लिए मिल का पत्थर साबित होगी, ऐेसी उन्हें आषा है।
‘‘श्रेष्ठ सहित्य सृजक’’ से हुए अलंकृत
समारोह के दौरान श्री भंडारी की इस पुस्तक को हिन्दी साहित्य का एक श्रेष्ठ सृजन मानते हुए राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना, महिष्मति कला मंच, राष्ट्रीय कवि संगम, जिला आजाद साहित्य परिषद् आदि संस्थाओं के पदाधिकारी के साथ समस्त अतिथियों ने श्री भंडारी को ‘‘श्रेष्ठ साहित्य सृजक’’ के अलंकरण से अलंकृत किया। उपस्थित सदन ने कर्तल ध्वनि से वरिष्ठ साहित्यकार श्री भंडारी की उक्त रचना पुस्तक की सराहना करते हुए उत्साहित किया।
यह रहे मुख्य रूप से उपस्थित
भव्य समारोह में उज्जैन नगरपालिका निगम के एमआईसी सदस्य एवं पार्षद रजत मेहता, श्री अभ्युदयपुरम गुरुकुल के प्रबंध न्यास विजय सुराना, महिष्मति कला मंच के जिलाध्यक्ष एमएल फुलपगारे, भारत स्काउट-गाइड एसोसिएषन के जिला उपाध्यक्ष जयेन्द्र बैरागी, राष्ट्रीय कवि संगम के जिलाध्यक्ष प्रवीण सोनी, भारतीय जैन संगठना के वरिष्ठ सदस्य संजय जैन के साथ उज्जैन नगर के कई साहित्यकार एवं शोधकर्ता छात्र-छात्राएं भी उपस्थित रहीं। समारोह के सूत्रधार एवं सफल संचालन राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के राष्ट्रीय महासचिव डाॅ. प्रभु चैधरी ने किया। संपूर्ण आयोजन में प्रेस क्लब उज्जैन का भी विशेष सहयोग रहा।

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