रतलाम 23 अक्टूबर 2022/मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश एवं उनकी मंशा अनुसार कलेक्टर श्री नरेंद्र सूर्यवंशी ने कोरोना तथा अन्य कारणों से माता-पिता को खो चुके बच्चों के साथ कलेक्टर बंगले में दीपावली की खुशियां मनाई।बच्चे अपने दादा–दादी, नाना–नानी अथवा अन्य किसी पालक के साथ कलेक्टर बंगले पर आमंत्रित थे।
कलेक्टर श्री नरेंद्र सूर्यवंशी उनकी धर्मपत्नी श्रीमती नीलम सूर्यवंशी, उनकी बालिकाओं गुंजन तथा रिया सूर्यवंशी ने बच्चों के साथ दीपावली की खुशियां बांटी।बच्चों को मिठाई, चॉकलेट्स गिफ्ट किए, उपहार भी बांटे।बच्चों तथा उनके पालकगणों ने स्वल्पाहार किया। महिला बाल विकास विभाग के सहायक संचालक श्री आर.के. मिश्रा, जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्रीमती पवन कुंवर सिसोदिया, जिला जनसंपर्क अधिकारी श्री शकील अहमद खान, महिला बाल विकास सुपरवाइजर, कार्यकर्ता आदि मौजूद थे।
मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना एवं मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना के तहत आयोजित कार्यक्रम में लगभग 40 बच्चे कलेक्टर बंगले पर आए थे। इनमें बालक- बालिकाएं दोनों ही थे। कलेक्टर श्री सूर्यवंशी तथा उनकी पत्नी श्रीमती नीलम सूर्यवंशी द्वारा अपने हाथों से बच्चों को मिठाई खिलाई गई, उपहार प्रदान किए। कलेक्टर ने बच्चों से बातचीत की, उनकी पढ़ाई तथा कैरियर की इच्छा के विषय में जाना। कई बच्चों के पालको ने स्कूल फीस की समस्या बताई। कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को तत्काल फीस की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने स्नेह और दुलार के साथ बच्चों से कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान शासन तथा जिला प्रशासन आप बच्चों के साथ है। आपको किसी भी प्रकार की समस्या या परेशानी नहीं आने दी जाएगी, जब भी कोई बात करना हो तत्काल मुझसे बात कर सकते हैं।
कलेक्टर की बालिकाओं के साथ चेयर रेस
इस अवसर पर कलेक्टर बंगला परिसर में आए बच्चों ने कलेक्टर श्री सूर्यवंशी की बालिकाओं गुंजन तथा रिया के साथ चेयर रेस का आनंद लिया। कलेक्टर तथा उनकी पत्नी द्वारा बच्चों का उत्साहवर्धन किया गया। चेयर रेस की विजेता तीन बालिकाओं को पुरस्कार प्रदान किए गए। इस दौरान बच्चों की खुशी देखते ही बनती थी। कलेक्टर तथा उनके परिवार द्वारा बच्चों के साथ फोटो सेशन भी किया गया जहां पर बच्चों ने खुशी के साथ फोटो खिंचवाये। उनके बालकों के साथ भी फोटो सेशन हुआ। जब बच्चे वापस अपने घरों की ओर रवाना हुए तो कलेक्टर तथा उनकी बालिकाओं द्वारा बड़े अपनत्व के साथ बच्चों के साथ बंगले के बाहर तक जाकर वाहनों में भिजवाया गया।