झाबुआ

राजस्थान के मानगढ़ धूलि में दो दिवसीय वृहद महा-सम्मेलन का होगा आयोजन, 1 नवंबर को देष के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे षिरकत

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दौलत गोलानी कि रिपोर्ट
पद्मश्री षिवगंगा प्रमुख महेष शर्मा के मार्गदर्शन में मप्र, गुजरात और राजस्थान से हजारों कार्यकर्ताओं की रहेगी सहभागिता
श्री गुरू गोविन्द महाराजजी के नेतृत्व मंे 1507 भीलों की बलिदान स्थली है मानगढ़ -ः वरिष्ठ कार्यकर्ता राजाराम कटारा, षिवगंगा
झाबुआ। राजस्थान का मानगढ़, जो श्री गोविन्द गुरू महाराजजी के नेतृत्व में चलाए गए आंदोलन में शहीद हुए 1507 भीलों की बलिदान स्थली है, यहां आगामी 31 अक्टूबर एवं 1 नवंबर को ऐतिहासिक स्तर पर वृहद सम्मेलन होने जा रहा है। जिसमें 1 नवंबर को देष के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उक्त समारोह में षिरकत करेंगे। इस समारोह में षिवगंगा के राजस्थान सहित मप्र एवं गुजरात से भी हजारों कार्यकर्ताओ की सहभागिता रहेगी। सभी कार्यकर्ता पद्मश्री षिवगंगा प्रमुख महेष शर्मा के मार्गदर्शन में अपने-अपने क्षेत्रों से निजी वाहनों से स्वयं के निजी व्यय से पहुंचेंगे तथा शहीदों के प्रति अपने समर्पण को प्रकट करेंगे। षिवगंगा की मानगढ़ पर्वत को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किए जाने तथा मानगढ़ की बलिदानी भूमि का देष के इतिहास में भी गौरव गाथा वर्णन की भारत सरकार से प्रमुख मांग है।
इसी संबंध में जिला मुख्यालय पर स्थानीय लक्ष्मीनगर स्थित अंबा पैलेस पर 23 अक्टूबर, रविवार दोपहर 11.30 बजे से षिवगंगा द्वारा एक पत्रकारवार्ता का आयोजन किया गया। जिसमें षिवगंगा के वरिष्ठ कार्यकर्ता राजाराम कटारा ने बताया कि मानगढ़ धुली वंदना अर्थात मानगढ़ की सर जमीन, जनजाति समाज के इतिहास और शोर्य गाथा का जीता जागता उदाहरण है। यह भूमि जनजाति समाज की श्रेष्ठ परपंराआंे, समाज के स्वभिमान, परमार्थ, सामूहिकता एवं संघर्ष जीवन के नैतिक मूल्यों को प्रकट करती है। भीलो का तीर्थ मानगढ़ गौरवमयी इतिहास का साक्षी है। जिस पर हजारों भीलों के बलिदान ने पूरे देष को स्वतंत्रता संघर्ष के लिए प्रेरित किया है। भीलों का यह योगदान स्वर्ण अक्षरों में लिखे जाने योग्य है। इस हेतु षिवगंगा की देष के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी से मांग है कि वह 1 नवंबर, मंगलवार को मानगढ़ की सर जमीं पर पधार रहे है, इस दौरान वह मुख्य रूप से मानगढ़ की बलिदानी स्थल को राष्ट्रीय स्मारक के रूप मंे घोषित करे। साथ ही मानगढ़ के इतिहास का वर्णन देष के इतिहास में भी हो। मानगढ़ राजस्थान और गुजरात की सीमा पर लगा ऐतिहासिक क्षेत्र है।
दो दिवसीय आयोजन होंगे
इस अवसर पर षिवगंगा से जुड़े विजेन्द्र अमलियार ने बताया कि मानगढ़ में दो दिवसीय वृहद कार्यक्रम होंगे। जिसमें 31 अक्टूबर, सोमवार को तीन राज्य मप्र, गुजरात एवं राजस्थान से हजारों-लाखों कार्यकर्ताओं का अपने-अपने क्षेत्रों से प्रस्थान होकर देर शाम तक सभी मानगढ़ पहुंचेंगे। जहां रात्रि में धर्मसभा होगी। जिसमें षिवगंगा के राष्ट्रीय एवं प्रादेषिक पदाधिकारी एवं हिन्दू तथा जनजाति समाज के संत संबोधित करेंगे। तत्पष्चात् यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं भजनों का दौर चलेगा। इसी प्रकार 1 नवंबर, मंगलवार को सुबह 5 से 7 बजे तक जागरण बाद पुनः धर्मसभा होगी। बाद बड़ी तादाद में कार्यकर्ता मानगढ़ डूंगर की ‘‘मानगढ़ धाम की जय …, पांचों देव जगाएंगे … सुख समृद्धि लाएंगे, श्री गोविन्द गुरूजी की जय … एवं कौन हमारा सुख दाता, धरती-गंगा-गौमाता’’ के जयघोष के साथ डूंगर धाम की पैदल चढ़ाई कर सभा स्थल तक पहुंचंेंगे।
पीएम श्री मोदी करेंगे संबोधित
दोपहर 11 से 12 बजे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी का संबोधन होगा। जिसके बाद सभी कार्यकर्तागण पुनः‘ अपने-अपने गंतव्य स्थल की ओर प्रस्थान करेंगे। रास्ते में एवं आयोजन स्थल पर सभी के लिए स्वल्पाहार, भोजन आदि की व्यवस्था रहेगी। जिले में इस यात्रा के संयोजक षिवगंगा के हरिसिंह सिंगाड़िया, भंवरसिंह भयड़िया, विजेन्द्र अमलियार एवं सत्यजीत पटेल है। वहीं पत्रकारवार्ता में षिवगंगा से जुड़े कार्यकर्ताओं में रेमु वाखला, राजेष मेहता, सुषील शर्मा आदि भी उपस्थित रहे।
पद्मश्री षिवगंगा प्रमुख महेष शर्मा के मार्गदर्शन में मप्र, गुजरात और राजस्थान से हजारों कार्यकर्ताओं की रहेगी सहभागिता
श्री गुरू गोविन्द महाराजजी के नेतृत्व मंे 1507 भीलों की बलिदान स्थली है मानगढ़ -ः वरिष्ठ कार्यकर्ता राजाराम कटारा, षिवगंगा
झाबुआ। राजस्थान का मानगढ़, जो श्री गोविन्द गुरू महाराजजी के नेतृत्व में चलाए गए आंदोलन में शहीद हुए 1507 भीलों की बलिदान स्थली है, यहां आगामी 31 अक्टूबर एवं 1 नवंबर को ऐतिहासिक स्तर पर वृहद सम्मेलन होने जा रहा है। जिसमें 1 नवंबर को देष के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उक्त समारोह में षिरकत करेंगे। इस समारोह में षिवगंगा के राजस्थान सहित मप्र एवं गुजरात से भी हजारों कार्यकर्ताओ की सहभागिता रहेगी। सभी कार्यकर्ता पद्मश्री षिवगंगा प्रमुख महेष शर्मा के मार्गदर्शन में अपने-अपने क्षेत्रों से निजी वाहनों से स्वयं के निजी व्यय से पहुंचेंगे तथा शहीदों के प्रति अपने समर्पण को प्रकट करेंगे। षिवगंगा की मानगढ़ पर्वत को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किए जाने तथा मानगढ़ की बलिदानी भूमि का देष के इतिहास में भी गौरव गाथा वर्णन की भारत सरकार से प्रमुख मांग है।
इसी संबंध में जिला मुख्यालय पर स्थानीय लक्ष्मीनगर स्थित अंबा पैलेस पर 23 अक्टूबर, रविवार दोपहर 11.30 बजे से षिवगंगा द्वारा एक पत्रकारवार्ता का आयोजन किया गया। जिसमें षिवगंगा के वरिष्ठ कार्यकर्ता राजाराम कटारा ने बताया कि मानगढ़ धुली वंदना अर्थात मानगढ़ की सर जमीन, जनजाति समाज के इतिहास और शोर्य गाथा का जीता जागता उदाहरण है। यह भूमि जनजाति समाज की श्रेष्ठ परपंराआंे, समाज के स्वभिमान, परमार्थ, सामूहिकता एवं संघर्ष जीवन के नैतिक मूल्यों को प्रकट करती है। भीलो का तीर्थ मानगढ़ गौरवमयी इतिहास का साक्षी है। जिस पर हजारों भीलों के बलिदान ने पूरे देष को स्वतंत्रता संघर्ष के लिए प्रेरित किया है। भीलों का यह योगदान स्वर्ण अक्षरों में लिखे जाने योग्य है। इस हेतु षिवगंगा की देष के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी से मांग है कि वह 1 नवंबर, मंगलवार को मानगढ़ की सर जमीं पर पधार रहे है, इस दौरान वह मुख्य रूप से मानगढ़ की बलिदानी स्थल को राष्ट्रीय स्मारक के रूप मंे घोषित करे। साथ ही मानगढ़ के इतिहास का वर्णन देष के इतिहास में भी हो। मानगढ़ राजस्थान और गुजरात की सीमा पर लगा ऐतिहासिक क्षेत्र है।
दो दिवसीय आयोजन होंगे
इस अवसर पर षिवगंगा से जुड़े विजेन्द्र अमलियार ने बताया कि मानगढ़ में दो दिवसीय वृहद कार्यक्रम होंगे। जिसमें 31 अक्टूबर, सोमवार को तीन राज्य मप्र, गुजरात एवं राजस्थान से हजारों-लाखों कार्यकर्ताओं का अपने-अपने क्षेत्रों से प्रस्थान होकर देर शाम तक सभी मानगढ़ पहुंचेंगे। जहां रात्रि में धर्मसभा होगी। जिसमें षिवगंगा के राष्ट्रीय एवं प्रादेषिक पदाधिकारी एवं हिन्दू तथा जनजाति समाज के संत संबोधित करेंगे। तत्पष्चात् यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं भजनों का दौर चलेगा। इसी प्रकार 1 नवंबर, मंगलवार को सुबह 5 से 7 बजे तक जागरण बाद पुनः धर्मसभा होगी। बाद बड़ी तादाद में कार्यकर्ता मानगढ़ डूंगर की ‘‘मानगढ़ धाम की जय …, पांचों देव जगाएंगे … सुख समृद्धि लाएंगे, श्री गोविन्द गुरूजी की जय … एवं कौन हमारा सुख दाता, धरती-गंगा-गौमाता’’ के जयघोष के साथ डूंगर धाम की पैदल चढ़ाई कर सभा स्थल तक पहुंचंेंगे।
पीएम श्री मोदी करेंगे संबोधित
दोपहर 11 से 12 बजे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी का संबोधन होगा। जिसके बाद सभी कार्यकर्तागण पुनः‘ अपने-अपने गंतव्य स्थल की ओर प्रस्थान करेंगे। रास्ते में एवं आयोजन स्थल पर सभी के लिए स्वल्पाहार, भोजन आदि की व्यवस्था रहेगी। जिले में इस यात्रा के संयोजक षिवगंगा के हरिसिंह सिंगाड़िया, भंवरसिंह भयड़िया, विजेन्द्र अमलियार एवं सत्यजीत पटेल है। वहीं पत्रकारवार्ता में षिवगंगा से जुड़े कार्यकर्ताओं में रेमु वाखला, राजेष मेहता, सुषील शर्मा आदि भी उपस्थित रहे।

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