महिला बाल विकास द्वारा किया जाना है आज “लाडली लक्ष्मी पथ” का लोकार्पणसमारोह
लापरवाह अधिकारी होनी चाहिए कार्रवाई
रतलाम, । जिला प्रशासन के अधिकारी अपनी मनमानी पर निरंतर उतारू है। इसके चलते राजपूत समाज में आक्रोश व्याप्त है। सैलाना बस स्टैंड से महाराणा प्रताप की प्रतिमा को स्थानांतरित करने का मुद्दा भी शांत नहीं हुआ था कि महिला बाल विकास विभाग द्वारा वितरित किए निमंत्रण पत्र से नया मुद्दा गरमाने लगा है। समाज का कहना है कि समाज की भावनाओं के साथ प्रशासन खिलवाड़ करना बंद करें अन्यथा सड़क पर मजबूरन आना होगा जिसकी समस्त जवाबदारी जिला प्रशासन की होगी।
श्री राजपूत नवयुवक मंडल न्यास के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह गोयलने निमंत्रण पत्र पर कड़ी आपत्ति लेते हुए हरमुद्दा को महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जो निमंत्रण पत्र प्रकाशित किया है, उसमें सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल से काला घोड़ा मार्ग का “लाडली लक्ष्मी पथ” नामकरण और लोकार्पण समारोह 2 नवंबर को 11:00 बजे आयोजित किया गया है। घोड़े पर बैठे शख्स 54 साल तक रतलाम के शासन की कमान संभालने वाले महाराजा सज्जन सिंह हैं। उन्होंने 13 साल की उम्र में गद्दी संभाल ली थी। ऐसी विभूति को काला घोड़ा के नाम से संबोधित करना उचित नहीं है।
इस बात का है आक्रोश
आक्रोश इस बात का है कि जिला प्रशासन के लापरवाह अधिकारी महाराजा सज्जन सिंह जी की प्रतिमा स्थल को केवल काला घोड़ा के नाम से प्रचारित और प्रसारित कर रहे हैं। इतना ही नहीं स्थानीय जनसंपर्क कार्यालय के माध्यम से भी समाचार पत्रों को जारी किए गए समाचार में काला घोड़ा शब्द का ही उपयोग किया गया है। स्थानीय जनसंपर्क विभाग भी इसमें लापरवाह की भूमिका अदा कर रहा है। प्रतिष्ठित समाचार पत्र में भी काला घोड़ा शब्द ही प्रकाशित हुआ है। इससे राजपूत समाज आक्रोशित है। नगर निगम व जिला प्रशासन समाज की भावनाओं को आहत कर रहा है। प्रशासन के ऐसे प्रयासों की समस्त राजपूत समाज संगठन निंदा करता है। लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होना चाहिए।
पूर्व से ही है लोकेंद्र भवन रोड
श्री गोयल ने बताया कि पूर्व से ही इस मार्ग का नाम रतलाम राजवंश के लोकेंद्र सिंह जी के नाम से लोकेंद्र भवन रोड है ही तो फिर नया नामकरण क्यों?
समाज की भावना के साथ खिलवाड़ करना करें बंद राजपूत समाज
समस्त राजपूत समाज रतलाम प्रशासन से निवेदन करता है कि राजपूत समाज की भावनाओं से खिलवाड़ बंद किया जाए अन्यथा राजपूत समाज को सड़क पर आना होगा और जिसकी समस्त जवाबदारी जिला प्रशासन की होगी।हरमुद्दा से साभार