रतलाम / स्पीक मेके एवं तक्षशिला श्रृंखला के संयुक्त तत्वाधान में शासकीय हाई स्कूल अमलेटा में भरत नाट्यम पर आधारित कार्यशाला का आयोजन किया गया। दिल्ली की भरत नाट्यम कलाकार सुश्री तान्या सक्सेना ने सर्वप्रथम कार्यक्रम की शुरुआत श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप को अपने नृत्य और भाव भंगिमा के माध्यम से स्कूली बच्चों के सामने प्रस्तुत किया।
सुश्री तान्या ने बताया कि शास्त्रीय नृत्य और लोक नृत्य में अंतर बताते हुए कहा कि भरतनाट्यम दो हजार साल पुरानी भारतीय संस्कृति है। साथ ही बच्चों को मुद्राओं का ज्ञान दिया। सुश्री सक्सेना ने बताया कि भरत नाट्यम में एक हाथ से 28 तरह की मुद्राएं एवं दोनों हाथों से 24 तरह की मुद्राओं का प्रयोग कलाकार के द्वारा किया जाता है। बच्चों को मत्स्य मुद्रा, त्रिय पताका, हम ससीयो, पताका आदि के बारे में समझाया गया।
स्पीक मेके के श्री आनंद व्यास ने कलाकार का परिचय दिया एवं विरासत में मिली भारतीय संस्कृति को आत्मसात करने की बात कही। इस अवसर पर प्राचार्य श्री जितेंद्र जोशी, श्री सैयद मंसूरी, सुश्री किरण राठौड़, श्री बी.एल. कटारिया आदि उपस्थित थे।