झाबुआ

सारंगी चौकी प्रभारी अंजली श्रीवास्तव द्वारा नाबालिग लड़की के माता पिता को …नाबालिग की शादी न करने व आगे पढ़ाने की समझाइश दी……

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सारंगी चौकी प्रभारी द्वारा नाबालिग के माता पिता और ससुराल पक्ष को बाल विवाह करने पर कानूनी प्रावधानों के बारे में बताएं……..

बालिका सशक्तिकरण के माध्यम से उचित मार्गदर्शन दिया……..

झाबुआ / सारंगी – पुलिस चौकी सारंगी पर एक नाबालिग लड़की कम उम्र में विवाह न करने के लिए और आगे अपनी पढ़ाई जारी करने के लिए पुलिस चौकी सारंगी प्रभारी अंजली श्रीवास्तव के समक्ष उपस्थित हुई और अपनी पीड़ा बताई |चौकी प्रभारी अंजली श्रीवास्तव द्वारा लड़की के माता-पिता और ससुराल पक्ष को कम उम्र में शादी न करने की समझाइश दी | बालिका सशक्तिकरण के माध्यम से समझाने का प्रयास किया |बाल विवाह करने पर कानूनी प्रावधान के बारे में अवगत कराया |इस समझाइश के बाद ससुराल पक्ष और माता पिता लड़की को आगे पढ़ाने के लिए राजी हो गए |

पुलिस चौकी सारंगी प्रभारी उपनिरीक्षक अंजली श्रीवास्तव के समक्ष बुधवार को नाबालिग बालिका उम्र 17 वर्ष निवासी ग्राम भमती ,सारंगी चौकी पर उपस्थित हुई बालिका डरी हुई थी और घबराने लगी |अंजली श्रीवास्तव द्वारा सर्वप्रथम उसे प्यार से समझाया व उससे परेशानी का कारण पूछा ताे बालिका द्वारा बताया गया कि 5-6 माह पहले उसकी सगाई ग्राम महुडा के राकेश भूरिया के साथ उसके माता-पिता ने डरा धमकाकर कर दी थी| अगले महीने उसके माता पिता शादी करने का दबाव उस पर डाल रहे है | लेकिन वह पढ़ाई करना चाहती है शादी नहीं करना चाहती है यह भी बताया की वर्तमान में वह कक्षा दसवीं कन्या शाला सारंगी मैं पढ़ाई कर रही है वह भविष्य में कुछ बनना चाहती है पढ़ाई करना चाहती हू शादी नहीं करना चाहती हूं कहते कहते …..रोने लगी….. चौकी प्रभारी द्वारा पढ़ाई के लिए उसकी लगन ,तत्परता व महत्वाकांक्षा को देख कर सबसे पहले उसे प्यार से गले लगाया ,उसे चुप कराया तथा पूछा कि वह भविष्य में क्या बनना चाहती है प्रश्नों के लिए सही व उचित मार्गदर्शन दिया |बालिका को उसकी जिंदगी व भविष्य के लिए सही व उचित दिशा बताई व समझाया| उसे प्रॉपर काउंसलिंग के माध्यम से निर्णय लेने हेतु सशक्तिकरण का प्रयास किया गया |बाद में बालिका के माता-पिता को चौकी तलब कर उन्हें सर्वप्रथम चौकी प्रभारी द्वारा समझाईश दी व कानूनी हिदायत दी गई | उन्हें बाल विवाह करने पर कानूनी प्रावधानों से अवगत कराया |चूकि उसके माता-पिता पढ़े-लिखे ना होने के कारण उन्हें आज की नवपीडी में शिक्षा का महत्व बताते हुए बालिका सशक्तिकरण के बारे में बताया |लड़की के ससुराल पक्ष को भी दूरभाष के जरिए 18 वर्ष की आयु सीमा तक शादी न करने की कड़ी हिदायत दी गई |चौकी प्रभारी के सतत प्रयासों और समझाईश से अंत में दोनों पक्ष की विचारधारा में परिवर्तन आया व लड़की के माता-पिता ने लड़की को आगे पढ़ाने का निर्णय लिया |इस प्रकार चौकी प्रभारी की तत्परता , समझदारी ,बालिका सशक्तिकरण के महत्व को सही रूप में समझाना से माता पिता लड़की को आगे पढ़ाने के लिए तैयार हुए तथा बालिका ने भी अंजली मैडम को धन्यवाद ज्ञापित किया |

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