RATLAM

किशोरी से दुष्कर्म करने पर युवक को आजीवन कारावास की सजा

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रतलाम। पाक्सो एक्ट के विशेष न्यायालय ने अनुसूचित जाति वर्ग की किशोरी से दुष्कर्म करने के मामले में आरोपित 24 वर्षीय शाकिर पुत्र सत्तार शाह निवासी ताल को एससी एसटी एक्ट की धारा 3(2)(वी) में आजीवन कारावास की सजा सुनाई। उस पर तीन हजार रुपये का जुर्माना भी किया गया। फैसला शुक्रवार को पाक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश योगेंद्रकुमार त्यागी ने सुनाया।अभियोजन के अनुसार करीब सवा सत्रह वर्षीय किशोरी 13 फरवरी 2019 को सुबह करीब 9.30 बजे अपने भाई के साथ एक स्थान पर गई थी। उसका भाई वहां टिफन रखकर ठेकेदार के साथ साईड देखने कहीं गया था। करीब 15 मिनट बाद वह लौटा तो किशोरी वहां नहीं थी। तलाश करने पर वह नहीं मिली। इसके बाद पिता ने पुलिस थाना पर रिपोर्ट कराई थी कि उनकी पुत्री आरोपित मिस्त्री शाकिर के साथ काम करती थी। शंका है कि वह उसे बहला-फुसलाकर कहीं ले गया है।
पुलिस ने किशोरी व शाकिर की तलाश शुरू की। दो दिन बाद किशोरी थाने पर शाकिर के साथ पहुंची थी। किशोरी ने अपने बयान में बताया था कि शाकीर के साथ मजदूरी का काम करने के दौरान उसकी उससे पहचान हुई थी। घटना वाले दिन शाकिर ने कहा था कि वह उसे घुमाकर लाता है। परिचित होने से वह उसकी बाइक पर बैठ गई थी। वह उसे घुमाने ले गया, 10 मिनिट बाद उससे कहा कि काम का टाईम हो रहा है, उसे वापस छोड दो, तो शाकिर में कहा कि वह उससे शादी करेगा। वह उसे डरा-धमका कर शादी करने का झांसा देकर मांडव ले गया था। वहां उसने एक खेत मे उससे दुष्कर्म किया था। अगले दिन सुबह वह उसे बाइक पर बैठाकर खाचरौद में अपने रिश्तेदार शाबीर भाई के यहां ले गया था। वहां भी शाकीर ने उससे दुष्कर्म किया था। पुलिस ने प्रकरण में पाक्सो एक्ट, एससी एसटी एक्ट आदि की धाराएं बढ़ाकर शाकिर को गिरफ्तार कर लिया था। प्रकरण में शासन की तरफ से पैरवी विशेष लोक अभियोजक गौतम परमार ने की।

सभी सजा साथ चलेगी

विशेष लोक अभियोजक गौतम परमार ने बताया कि न्यायालय ने शाकिर को पाक्सो एक्ट की धारा 5 (ठ)/6 एवं भादंवि की धारा 376 (2) (एन) में क्रमशः 10-10 वर्ष के सश्रम की सजा व क्रमशः एक हजार व दो हजार रुपये का जुर्माना से भी दंडित किया। भादंवि की धारा 366 में पांच वर्ष के सश्रम व एक हजार रुपये का जुर्माना तथा भादंवि की धारा 363 सहपठित एससीएसटी एक्ट की धारा 3 (2) (वीए) में तीन वर्ष के सश्रम करावास की सजा व एक हजार रुपये का जुर्माना से भी दंडित किया गया। सभी सजा साथ चलेगी।

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