विधायक बुलाने गए तो बिगड़ गई बात

ज्ञापन देने के लिए करीब एक घंटे तक इंतजार के बाद विधायक चौधरी, गेहलोत व शहर कांग्रेस अध्यक्ष कटारिया कलेक्टर के चैंबर में गए और ज्ञापन के लिए बाहर आने की बात कही। कलेक्टर ने विधायकों से कहा कि जनप्रतिनिधि का सम्मान है, लेकिन बात सड़क पर नहीं चैंबर में बैठकर ही होगी। इस पर विधायक चौधरी बिफर गए और कहा कि आप सरकार की गुलामी कर रहे हैं, ऐसा कलेक्टर हमने नहीं देखा। बहस के दौरान कलेक्टर ने दो टूक कह दिया कि पालिटिकल माइलेज का मामला है।

चर्चा में इस तरह आमने-सामने हुए विधायक-कलेक्टर

विधायक कांतिलाल भूरिया : किसानों को खाद, बिजली नहीं मिल रही। आप जनप्रतिनिधि की बात नहीं सुनोगे क्या?

कलेक्टर : किसी का अनादर करने की बात नहीं है। मेरा कहना है कि सम्मानपूर्वक बात चैंबर में बैठकर ही हो सकती है। आलोट में घटना हुई, उससे पहले ही 651 किसानों को खाद दी जा चुकी थी। किसानों को खाद पर्याप्त मिल रहा है। कोई कमी नहीं है

विधायक भूरिया : अगर खाद की कमी नहीं है तो गोदाम बंद क्यों रखे। हमारे विधायक ने गोदाम खोला तब खाद बंटी।

कलेक्टर : हम यहां तथ्यों पर बात करने बैठे हैं। एक-एक बात का जवाब देने के लिए नहीं। विधायक की अपनी मान मर्यादा है। हर व्यक्ति को मर्यादा में रहना चाहिए।

विधायक पटवारी : आपकी बात से लगता है कि विधायकों, जनप्रतिनिधियों की कोई हैसियत नहीं। हमने निवेदन किया था कि जनता को लगे कि प्रशासन उनके साथ है।

कलेक्टर : आपकी बात गलत है, मैंने कहा था कि रोड पर बात नहीं होगी।

विधायक चौधरी : किसानों को एक हेक्टेयर में दो बोरी खाद मिल रही है, ये पर्याप्त नहीं।

विधायक पटवारी : आप हमसे झूठ बोल रहे हो तो किसानों की क्या हालत कर रहे होगे। आप एक बीघा में तो एसडीएम एक हेक्टेयर में दो बोरी खाद देने का बोल रहे हैं।

कलेक्टर : यहां आमनेसामने के लिए नहीं बैठे हैं। आप कैसे बात करते हैं सब जानते हैं।

विधायक पटवारी : ऐसे बदतमीज प्रशासन से बात नहीं करेंगे। इनकी विधानसभा में शिकायत करो, सभी विधायकों से। आप विधानसभा में आने के लिए तैयार रहो कलेक्टर सूर्यवंशी।

इनका कहना है

जो भी हुआ सबके सामने हैं। बात सम्मानपूर्वक करने के लिए ही चैंबर में बुलाया गया था। किसी का अपमान नहीं किया।

नरेंद्र सूर्यवंशी, कलेक्टर रतलाम

कलेक्टर खुद को राजा समझकर व्यवहार कर रहे हैं। किसान परेशान हो रहे हैं।

कांतिलाल भूरिया, झाबुआ विधायक

शिवराज सरकार का अहंकार रावण जैसा है। वरिष्ठ व आदिवासी विधायकों का अपमान किया। कलेक्टर ने हठधर्मिता की, तीन कदम चलकर वे बाहर नहीं आए। ऐसे कलेक्टर को हम ज्ञापन देना जरूरी नहीं समझते। विधानसभा में शिकायत कर जनप्रतिनिधि अपमान को लेकर भी कारवाई करेंगे।

जीतू पटवारी, विधायक राऊ

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                   (नईदुनिया से साभार)