झाबुआ

*देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को “बाल दिवस” के रूप में मनाया गया ।* “किसी भी राष्ट्र की भावी उन्नति और समृद्धि उस राष्ट्र के बच्चों पर ही निर्भर होती है ” : भेरूसिंह चौहान”तरंग”

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*देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को “बाल दिवस” के रूप में मनाया गया ।*
“किसी भी राष्ट्र की भावी उन्नति और समृद्धि उस राष्ट्र के बच्चों पर ही निर्भर होती है ” : भेरूसिंह चौहान”तरंग”
झाबुआ/ वन माली सृजन केंद्र के बैनरतले शासकीय प्राथमिक विद्यालय ,भोयरा में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को “बाल दिवस” के रूप में गरिमामय के साथ मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रुप में वन माली सृजन केंद्र के जिलाध्यक्ष साहित्यकार कवि भेरूसिंह चौहान” तरंग”थे । अथितियों के रुप में मंच पर विद्यार्थियों को आसन दिया गया जिसमें छत्रा कुमारी रविना कटारा, वर्षा कटारा, सोनाली कटारा एवं छात्र अकरम कटारा थे । सर्व प्रथम मां सरस्वती की प्रतिमा, शहीद चन्द्रशेखर आजाद एवं पंडित जवाहरलाल नेहरू के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित मुख्य वक्ता भेरूसिंह चौहान “तरंग”, विधार्थी अथितियोंं, संस्था प्रधान कैलाश त्रिपाठी , शिक्षक राजेंद्रसिंह चौहान , रामसिंह ने किया । सरस्वती वंदना शिक्षिका श्रीमती नूरनाज कटारा ने प्रस्तुत की ।
इस अवसर पर मंच पर आसीन विद्यार्थी अथितियो एवं मुख्य वक्ता का पुष्प मालाओं से सम्मान किया गया। भेरूसिंह चौहान “तरंग” ने पंडित जवाहरलाल नेहरु के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि – आजादी के बाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को धर्म संरक्षणी नगरी इलाहाबाद में उच्च कोटि के वकीलों में से एक पंडित मोतीलाल नेहरू के घर पर हुआ था । ये कुशल राजनीतिक होने के साथ साथ एक उच्च कोटि के सफल लेखक और साहित्यकार भी थे ।
अगर उनके बारे में ढेर सारी बातें जानना चाहते हो तो तीन मूर्ति भवन से अच्छी कोई भी जगह नहीं हो सकती। यहां उनका आवास था और तकरीबन 16 वर्षों तक यहां रहे । इनके निधन के बाद इसे राष्ट्रीय स्मारक और पुस्तकालय बना दिया गया। वहां नेहरू के जीवन और आजादी की लड़ाई से जुड़ी अनेकों यादगार वस्तुएं रखी गई है। इन्हें बच्चों से काफी स्नेह था और  बच्चे भी चाचा कहकर पुकारते थे। श्री चौहान ने कहा कि “किसी राष्ट्र की भावी उन्नति और समृद्धि उस राष्ट्र के बच्चों पर ही निर्भर करती है।” इस अवसर पर चौहान ने बाल दिवस पर केंद्रित स्वरचित कविता के साथ हीअन्य बाल कविताएं सुनाकर सभी को आनंदित कर दिया।संस्था प्रधान कैलाश त्रिपाठी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। अथिति बने विद्यार्थियों ने भी अपनी बात रखी साथ ही कविताएं सुनाई। इस अवसर पर विद्यालय में भेरूसिंह चौहान “तरंग” की स्वरचित बाल काव्य पोस्टर की इंद्रधनुषी प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसे सभी बच्चों ने अवलोकन कर अपनी नोट बुक में भी लिखा। कार्यक्रम का सफ़ल संचालन शिक्षक राजेंद्रदिंह चौहान  एवं आभार माना संस्था प्रधान कैलाश त्रिपाठी ने। कार्यक्रम के आयोजक भेरूसिंह चौहान” तरंग”, थे। विद्यार्थियों के लिए भोजन की व्यवस्था संपावती बचत स्वसहायता समूह एवं स्वल्पाहार   की व्यवथा पूर्वेश कटारिया की ओर से थी ।

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