झाबुआ

2 से 4 दिसंबर: झाबुआ में होने जा रहा बैडमिंटन का ‘राष्ट्र स्तरीय टूर्नामेंट’

Published

on

मॉर्निंग बैडमिंटन क्लब झाबुआ जिले की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय पटल देने के लिए प्रतिबद्ध- अध्यक्ष संजय शाह

झाबुआ। शहर में 2 से 4 दिसंबर तक राष्ट्र स्तरीय बैडमिंटन टूर्नामेंट का आयोजन किया जा रहा है। मॉर्निंग बैडमिंटन क्लब चौथी बार आयोजन करेगा। इसकी तैयारियों को आखिरी रूप देने के लिए मंगलवार रात अम्बा पैलेस पर एक बड़ी बैठक रखी गई। इसमें क्लब सदस्य, खिलाड़ी और वरिष्ठ खिलाड़ियों के साथ ही शहर के सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। राज्य बैडमिंटन एसोसिएशन के पदाधिकारी भी आए। यहां सीनियर खिलाड़ियों का सम्मान भी किया गया। सीनियर खिलाड़ियों ने बैडमिंटन को लेकर झाबुआ में पुराने दौर में होने वाली गतिविधियों के रोचक किस्से सुनाए।

देशभर से 150 बड़े बैडमिंटन खिलाड़ी आएंगे झाबुआ


टूर्नामेंट संयोजक उमंग सक्सेना ने बताया कि देशभर के करीब 150 से ज्यादा खिलाड़ी प्रतियोगिता में भाग लेंगे। आखिरी बार 2018 में झाबुआ ने राष्ट्रीय टूर्नामेंट की मेजबानी की थी। उसके बाद कोरोना के कारण टूर्नामेंट नहीं हो पाया। अब फिर झाबुआ नेशनल बैडमिंटन टूर्नामेंट की मेजबानी कर रहा है। टूर्नामेंट की रणनीति को लेकर जिला बैडमिंटन एसोसिएशन, गुड मॉर्निंग क्लब और वरिष्ठ बैडमिंटन खिलाड़ियों के बीच चर्चा हुई। 2018 में खेलो इंडिया के राष्ट्रीय खिलाड़ी अमितसिंह राठौड़ झाबुआ से ही टूर्नामेंट खेल कर गए थे। टूर्नामेंट के मैच झाबुआ कलेक्ट्रेट के पीछे बहुउद्देशीय खेल परिसर और मिंडल में बने बैडमिंटन हॉल में खेले जाएंगे।

राष्ट्र स्तरीय आयोजन के लिए हम तैयार


गुड मॉर्निंग बैडमिंटन क्लब के अध्यक्ष संजय शाह ने बताया कि झाबुआ राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता की मेजबानी के लिए पूरी तरह तैयार है। झाबुआ जैसे छोटे शहर में इस तरह की बड़ी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता कराने के पीछे मकसद यह है कि युवा खिलाड़ी, बच्चे इस खेल को देखें, सीखें, खेंलें और आगे बढ़ें। झाबुआ का नाम भी राष्ट्रीय पटल पर लेकर आए। वरिष्ठ बैडमिंटन खिलाड़ी और सात बार के चैंपियन दिनेश सक्सेना, यशवंत त्रिवेदी, प्रदीप रूनवाल, सुभाष माथुर, प्रदीप जैन, इंदौर से आए अशोक जायसवाल, जिला खेल अधिकारी विजयसिंह सलाम, गिरीश गुप्ता, भाजपा नेता शैलेष सिंगार काे सम्मानित किया गया। संचालन उमंग सक्सेना ने किया व आभार मनोज बाबेल ने माना। सक्रिय रूप से टूर्नामेंट में भूमिका निभाने वाले इरफान खान, दिनेश श्रीवास, जगदीश रावत, पंकज कोठारी, दिलीप कुशवाह, वरिष्ठ खिलाड़ी एजाज कुरैशी, प्रदीप जैन, विवेक पेंटर, स्वप्निल सक्सेना, मिताली त्रिवेदी मौजूद रहे।


तीन दशक में झाबुआ में हुए कई बदलाव


वरिष्ठ खिलाड़ियों ने बताया, पूर्व में कोई हॉल नहीं था। पहले एमपीईबी दफ्तर की दो दीवारों के बीच टूर्नामेंट होते थे। एक बार हवा लगातार चलने से आयोजन 9 दिनों तक चला। कुछ समय तेंदुपत्ता गोदाम में भी खेले, बाद में कलेक्टर कार्यालय में कोर्ट बनाया गया। लेकिन हॉल कहीं नहीं था। बाद में अफसरों की मदद से मिंडल हॉल बना और यहां खेलने लगे। अब शहर में काफी सुविधाएं हो चुकी हैं। मापदंड के अनुरूप दो हॉल हैं। खेल परिसर के अलावा मिंडल का हॉल भी अब सर्वसुविधायुक्त बनाया जा चुका है।

Trending