RATLAM

आकांक्षी बाजना की समीक्षा बैठक आयोजित बाजना के सभी 6 सेक्टरों के 75 संकेतकों की क्रमवार समीक्षा की गई~~~गर्भवती महिलाओं में हिमोग्लोबिन की जांच और उपचार के लिए टी 3 कैम्पेन का आयोजन

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आकांक्षी बाजना की समीक्षा बैठक आयोजित

बाजना के सभी सेक्टरों के 75 संकेतकों की क्रमवार समीक्षा की गई

रतलाम / अपर कलेक्टर अभिषेक गहलोत के अध्यक्षता में आकांक्षी बाजना की समीक्षा बैठक का आयोजन गुरूवार को कलेक्टर सभाकक्ष में किया गया। उक्त बैठक में जिला योजना अधिकारी श्री बालकृष्ण पाटीदार के अलावा शिक्षास्वास्थ्यकृषिपशुपालनखाद्यबैंकपीएचई, आईटीआई, जनपद पंचायत बाजना के विकासखंड एवं जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

आकांक्षा विकासखंड बाजना के निर्धारित पोर्टल के सभी 6 सेक्टरों के 75 संकेतकों की क्रमवार समीक्षा की गई तथा शिक्षा विभाग को निर्देशित किया गया कि आगामी वार्षिक परीक्षा में बेहतर परिणाम के लिए कार्य योजना तैयार कर कार्य करें जिससे बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा सके।

स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग आपस में समन्वय कर शत-प्रतिशत गर्भवती महिलाओं का प्रथम तिमाही में ही पंजीयन सुनिश्चित करें तथा पोषण का विशेष ध्यान रखा जावे ताकि माता व जन्म लेने वाले बच्चे अल्प रक्तता एवं कम भार वाले कुपोषित न हो। पीएचई प्रत्येक आंगनवाड़ी एवं स्कूल भवनों में नल-जल से पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करें। कृषि विभाग व आईटीआई की ऑनलाइन डाटा एंट्री त्रुटि पूर्ण होने से उसे सुधार करने के लिए निर्देशित किया गया। अपूर्ण आंगनवाड़ी एवं स्कूल भवनों को शीघ्र पूर्ण करने के लिए जनपद पंचायत बाजना के मुख्य कार्य अधिकारी को निर्देशित किया गया।

गर्भवती महिलाओं में हिमोग्लोबिन की जांच और उपचार के लिए

टी कैम्पेन का आयोजन

रतलाम / मातृ मृत्यु दर एवं एनीमिया में कमी लाने हेतु विभाग द्वारा सतत् प्रयास किए जा रहे है। एनीमिया अप्रत्यक्ष रूप से मातृ मृत्यु का एक बड़ा कारण है। गर्भावस्था के दौरान एनीमिया (खून की कमी) के कारण जन्म के समय कम वजन, जन्म से पूर्व मृत शिशु का जन्म, प्रीटर्म लेबर की संभावनाएं भी अधिक रहती है। गर्भवती महिलाओं में हिमोग्लोबिन की जांच और उपचार के लिये टी 3 (टेस्ट, ट्रीम एंड टॉक) कैम्पेन का आयोजन समुदाय तथा संस्था स्तर पर 30 नवम्बर तक ग्रामीण क्षेत्रों में तथा 15 दिसम्बर तक शहरी क्षेत्रों मे आयोजित किया रहा है।

सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर ननावरे ने बताया कि उल्लेखनीय है कि एन.एफ.एच.एस.- 4 (2015-16) की तुलना में एन.एफ.एच.एस.-5 (2020-21) में एनीमिया की दर मे 3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है, परन्तु अभी भी अधिकांश गर्भवती महिलाएं एनीमिया से ग्रसित है, एनीमिया की सही जांच, उपचार और प्रबंधन तथा एनीमिया के कारण होने वाली मातृ मृत्यु को कम करने के उद्देश्य से विभाग द्वारा सभी गर्भवती महिलाओं मे हिमोग्लोबिन की सटीक जांच के लिए उपस्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर स्ट्रिप आधारित डिजीटल हिमोग्लोबिनोमीटर प्रदान किए गए है। सभी गर्भवती महिलाओं की जांच अनिवार्य रूप से डिजीटल हिमोग्लोबिनोमीटर द्वारा कैम्पेन मोड में की जावेगी, जिससे एनीमिया के कारण होने वाले दुष्प्रभावों को कम किया जा सके।

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