झाबुआ

हम नहीं सुधरेंगे ……..शासकीय भूमि पर अवैध पार्किंग बनाकर रहेंगे

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झाबुआ- शहर में आज भी ऐसे कई लोग हैं जो अपने निजी स्वार्थ के लिए शासकीय भूमियों को अपनी निजी भूमि समझकर उस पर अवैध रूप से कब्जा या अवैध पार्किंग बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं कहीं न कहीं प्रशासन की लापरवाही से इन जैसे के हौसले बढ़ते जा रहे हैं । लेकिन प्रशासन अब भी मौन है शहर के वार्ड नंबर 14 में सीसीबी बैंक कर्मचारी द्वारा शासकीय रिक्त पड़ी भूमि पर अवैध रूप से अपने निजी वाहनों के लिए पार्किंग स्थल बना दिया गया हैं ।इस बैंक कर्मचारी की अवैध पार्किंग को लेकर जागरूक रहवासी ने जनसुनवाई में आवेदन भी दिया गया है । लेकिन स्थितियां कुछ दिन सुधारने के बाद यथावत हो गई । और अब बैंक कर्मी अपनी मनमानी पर उतारू हो गया है । और स्थाई रूप से अपने वाहन इस शासकीय भूमि पर खड़े करने लग गया है और इसे पार्किंग स्थल बना दिया हैं । इस निजी पार्किंग के लिए इसने आसपास के रहवासियों में भी फूट डालने का भी प्रयास किया । वही जबकि वास्तविकता में जो बैंक कर्मी आमजन की शिकायत करता फिर रहा है वह खुद ही अपने ट्रैक्टर शोरूम के बाहर अनेक ट्रैक्टर शासकीय भूमि पर खड़े कर रखे हैं और दूसरो को अतिक्रमण का उपदेश देता फिर रहा है। वह कहावत सिद्ध होती है कि …चोर साहूकारी की बात कर रहा है …..याने खुद तो अतिक्रमण कर रहा है लेकिन दूसरों की शिकायतें कर रहा है । वही दूसरों की शिकायतें कर अपने आपको का नेता साबित करने का प्रयास कर रहा है । कई बार तो मोबाइल फोन से आमजन के फोटो खींचकर पत्रकार बनने का प्रयास भी करता है । जबकि इस तरह के लोग किसी सामाजिक संगठन में आर्थिक सहयोग कर अपने आपको समाज सेवी कहलाने का प्रयास करते हैं जबकि धरातल पर वह जनहित, लोकहीत की दृष्टि से पार्किंग हटाने तक को तैयार नहीं है और आवागमन प्रारंभ करने को भी तैयार नहीं….तो यह कैसी समाज सेवा…..? सामाजिक संगठन जहां एक तरफ सार्वजनिक मुद्दों को लेकर आम जनों के हितों के लिए सफल प्रयास कर रहा हैं वही उस संगठन का पदाधिकारी सार्वजनिक मुद्दों को लेकर स्वार्थ सिद्ध में लगा हुआ है जबकि जनहित में वह शासकीय गली आवागमन के लिए प्रारंभ की जाना चाहिए …यह कैसा दोगलापन…..?

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