RATLAM

समस्या समाधान का सेतु : जिनको है सेवा की दरकार, वे कर रहे हैं अपनों की मदद, चाहे कोई भी ले पुकार

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रिटायर्ड रेलवे मेंस एसोसिएशन का 48 वां वार्षिक अधिवेशन रविवार को

जीवन के 75 बसंत पूर्ण करने वाले सदस्यों का होगा सम्मान

त्रि पत्रिका “समर्पण” का किया जाएगा विमोचन

रतलाम, । 48 वर्षीय रिटायर्ड रेलवे मेंस एसोसिएशन से जुड़े सदस्य प्रदेश ही नहीं देश भर में फैले हुए हैं। एसोसिएशन से जुड़े सदस्यों का बस एक ही मकसद है रिटायर्ड कर्मचारियों के परिजनों की समस्याओं के समाधान का सेतु बनना। खास बात तो यह है कि जिन लोगों को सेवा की दरकार है, वह खुद अपने बूते ऑफिसों में तथ्यात्मक जानकारी देकर पेंशन संबंधी समस्याओं का निराकरण करवाने में अग्रणी है। संस्था में वही सदस्य हैं जो कि रेलवे अथवा बैंक से सेवानिवृत्त हुए हैं। सेवा के संकल्प से से जुड़े इन लोगों का यही लक्ष्य है कि हमें अपनी अंतिम सांस तक मदद करना हैं। पेंशन की समस्या से जूझ रहे परिवार के चेहरे पर खुशी और उनकी दुआ ही इनको निस्वार्थ रूप से कार्य करने के लिए प्रेरित करती रहती है।

एसोसिएशन के प्रेसिडेंट वीआर चंदनानी, चेयरमैन लक्ष्मण चाहंदे, वाइस प्रेसिडेंट केआर बरमेचा, सेक्रेटरी इकबाल अहमद, सेंट्रल एग्जीक्यूटिव मेंबर केएल गौसर, जोनल एग्जीक्यूटिव मेंबर विवेक शर्मा, ट्रेजरर आरसी पाल, सुभाष कावड़े एचपी बैरागी, मदन सिंह चौहान, बृजेश मिश्रा, करण सिंह सहित अन्य ने बताया कि एसोसिएशन से प्रदेश सहित देशभर में करीब डेढ़ हजार सदस्य जुड़े हुए है। रिटायर्ड रेलवे मेंस एसोसिएशन का 48 वां वार्षिक अधिवेशन 20 नवंबर को कालिका माता परिसर स्थित सभागार में होगा। रतलाम में आयोजित 48 वें वार्षिक आयोजन में जीवन के 75 बसंत पूर्ण कर चुके रेलवे एवं बैंक अधिकारियों व कर्मचारियों का सम्मान किया जाएगा। आयोजन में शामिल होने के लिए संस्था के जोनल एवं केंद्रीय पदाधिकारी सहित तकरीबन 600 सदस्य आएंगे।

त्रि वार्षिक पत्रिका समर्पण का होगा विमोचन

सम्मान समारोह के साथ ही एसोसिएशन की त्रि वार्षिक पत्रिका समर्पण का विमोचन भी किया जाएगा। कार्यक्रम में विशेष रूप से मंडल रेल प्रबंधक रजनीश कुमार, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक रेल मंडल रतलाम अतुल शर्मा, स्टेट बैंक आफ इंडिया के क्षेत्रीय प्रबंधक अरुण कुमार सिंह, डॉ. अविनाश, डॉ. अग्रवाल विशेष रूप से मौजूद रहेंगे।

प्रचार प्रसार की चाहत नहीं रखी एसोसिएशन ने

एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि एसोसिएशन अपना कार्य करता रहता है। प्रचार प्रसार की चाहत नहीं रखी है। जो उद्देश्य एसोसिएशन ने लेकर मदद की पहल शुरू की है, वह अनवरत जारी रहेगी। आज एसोसिएशन की स्थापना के 48 वर्ष हो चुके हैं। 1974 से एसोसिएशन पेंशनरों की मदद के लिए कार्य कर रहा है। एसोसिएशन के सदस्य पेंशनरों की मदद केवल तथ्यात्मक कागजातों के बल पर ही करता है। पेंशन संबंधी मामलों में अक्सर यही परिस्थितियां निर्मित होती है कि व्यक्ति के जाने के पश्चात उनके घर वालों को पेंशन कैसे शुरू हो। क्या क्या दस्तावेज लगेंगे। कहां पर आवेदन देना होगा। यह सब कार्य एसोसिएशन के सदस्य उनके लिए करते हैं और उनको पेंशन शुरू हो जाती है अथवा अनुकंपा नियुक्ति मिल जाती है। पेंशनर परिवार को वह सभी जानकारियां दी जाती है जिससे कि उन्हें आगे दिक्कत ना हो। इस कार्य के लिए एसोसिएशन पेंशनर परिवार से ₹1 की भी चाहत नहीं रखता है। उनकी पेंशन शुरू हो जाए। परिवार के चेहरे पर खुशी नजर आ जाए। उनके मन से दुआ निकले यही उनके लिए कार्य करने का संबल बनती रहती है।

समस्याओं के समाधान की पुरजोर कोशिश करते हैं सदस्य

एसोसिएशन के सभी पदाधिकारी और सदस्यों का यही मानना है कि किसी भी केंद्रीय कर्मचारी के साथ पेंशन या अनुकंपा नियुक्ति को लेकर अन्याय हुआ है तो वह हमारे पास आए। समस्याओं का समाधान करवाने की पुरजोर कोशिश करेंगे।

 

सदस्यों को दिया जाता है जानकारी के साथ एक परिचय पत्र

एसोसिएशन का सदस्य बनने के लिए केवल एक बार ₹400 लिए जाते हैं। सदस्यों को एसोसिएशन द्वारा परिचय पत्र भी जारी किया जाता है जो कि सदस्य के पास हमेशा बना रहता है, जिसमें आवश्यक नंबर और जानकारी रहती है ताकि वक्त बेवक्त परिजनों को सूचना दे सकें।(हरमुद्दा से साभार)

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