नगर निगम पर बकाया राशि को लेकर अब राजस्व विभाग सख्त हो गया है। तीन दिनों में राशि जमा नहीं होने पर निगम के बैंक खाते कुर्क किए जाएंगे। राजस्व विभाग को निगम से लगभग 11 करोड़ रुपये लेना है।
रतलाम ~~ नगर निगम पर बकाया राशि को लेकर अब राजस्व विभाग सख्त हो गया है। कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने निगमायुक्त को तीन दिन का समय दिया है। राशि जमा नहीं होने पर निगम के बैंक खाते कुर्क किए जाएंगे। राजस्व भाग को निगम से लगभग 11 करोड़ रुपये लेना है। सोमवार को समय सीमा पत्रों की समीक्षा बैठक में शहर तहसीलदार अनीता चौकोटिया ने बताया कि नगर निगम से राजस्व विभाग को लगभग 11 करोड़ रुपये की राजस्व वसूली की जाना है। कलेक्टर ने चेतावनी दी कि राशि नहीं चुकाने पर निगमायुक्त का वाहन भी कुर्क किया जा सकता है।
सिविक सेंटर बना निगम की परेशानी का कारण
राजस्व विभाग की बकाया राशि में सर्वाधिक बकाया लोकेंद्र टाकीज के समीप सिविक सेंटर का है। सिविक सेंटर में वर्ष 1995 में निगम ने दुकानें, फ्लैट बनाए थे। यह भूमि नजूल की है। भवन बनाने के बाद राजस्व विभाग ने बकाया के लिए तब 2.50 करोड़ रुपये का नोटिस दिया था जो ब्याज लगने के साथ बढ़ता जा रहा है। वर्ष 2019 में 8.32 करोड़ रुपये का नोटिस दिया गया था जो अब 10 करोड़ तक पहुंच गया है। खास बात यह है कि वर्ष 2016 में निगम ने भूखंड, फ्लैट, दुकानें बेचने की प्रक्रिया शुरू की थी। कुछ संपत्ति बिकी भी, लेकिन नजूल एनओसी नहीं होने से रजिस्ट्री नहीं हो पाई। निगम ने राशि के बदले वर्ष 2011 में सिविक सेंटर के आइ ब्लाक के फ्लैट शासकीय आवास के लिए राजस्व विभाग को देने का प्रस्ताव दिया था, जो संभागायुक्त ने अस्वीकृत कर दिया था। अमृतसागर आवासीय योजना, राजगढ़, डोसीगांव की भूमि को लेकर भी निगम पर राशि बकाया है।
नगर निगम द्वारा विकसित किए गए सिविक सेंटर में भूखंड, फ्लैट व दुकानों की नीलामी सही तरीके से हो जाए तो निगम को यहीं से करीब 25 करोड़ रुपये की आय हो सकती है। वर्ष 2016 में नीलामी में धरोहर राशि डीडी के बजाए चेक से लेने के चलते विवाद होने पर प्रक्रिया निरस्त करना पड़ी थी। तब भी सभी भूखंडों के लिए बड़ी राशि के प्रस्ताव दिए गए थे।
सिविक सेंटर सहित निगम की अन्य सभी संपत्तियों के विक्रय के लिए तैयारी हो गई है। नीलामी के बाद राशि जमा होने के तीन दिन में रजिस्ट्री भी करा रहे हैं। राजस्व विभाग को भी बकाया भुगतान अधिकाधिक किया जाएगा।
– हिमांशु भट्ट, निगमायुक्त