झाबुआ

गच्छाधिपति नित्यसेन सूरीश्वरजी का भव्य मंगल प्रवेश थांदला में. ==========================================मुमुक्षु भवन आयुषी जयंतीलाल छाजेड़ का हुआ स्वागत

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थांदला (वत्सल आचार्य) पुण्य सम्राट आचार्य श्रीमद विजय जयंतसेन सूरीश्वरजी महाराज साहेब के पट्टधर वर्तमान गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद विजय नित्यसेन सुरीश्वरजी महाराज साहेब आदि ठाणा – 5 पांच का भव्य मंगल प्रवेश थांदला में हुआ। सकल संघ अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान बन्द रखते हुए गुरुदेव की भव्य अगवानी के लिए नगर के दक्षिण छोर पर पहुँचा। विश्रामगृह पर सभी के लिए नवकारसी की व्यवस्था की गई थी, जिसके बाद बैंड बाजों के साथ गुरुदेव के जयनाद करते हुए गुरुभक्तों ने नाचते गाते हुए उनका मंगल पदार्पण करवाया, इस दौरान समाजजनों ने गुरुदेव की जगह जगह गवली से बधाया वही साथ में मुमुक्षु बहना आयुषी जयंतीलाल छाजेड़ का भी संघजनों ने स्वागत सम्मान किया। गुरूदेव का जुलूस जवाहर मार्ग होता हुआ नयापुरा स्थित केसरियानाथ जिनालय पर भव्य धर्मसभा में परिवर्तित हो गया। धर्मसभा में सर्वप्रथम गुरु वंदन किया पश्चात श्रीसंघ के वरिष्ठजनों द्वारा गुरुदेव राजेंद्रसूरीश्वरजी व पुण्य सम्राट के फोटो पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया गया। श्रीसंघ थांदला ने गच्छाधिपति को थांदला संघ की ओर से कांबली ओड़ाई वही इसी मुमुक्षु भवन आयुषी जयंतीलाल छाजेड़ का बहुमान किया गया।
धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए गुरुदेव वर्तमान गच्छाधिपति नित्यसेन सुरिश्वरजी महाराज सहेब ने अपने आशीर्वाद वचन में वर्तमान घटनाओं से जीवन की क्षणभंगुरता का वर्णन किया। इस दौरान उन्होनें कहा जीवन लंबा हो या छोटा यह ज्यादा मायने नही रखता बल्कि उसे कैसे जिया जाए यह ज्यादा मायने रखता है। उन्होनें थांदला की बेटी पायल बहन के कुशलगढ़ में असामयिक निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि गुरुदेव के समर्पण व साधर्मी सेवा के भाव लिए आत्मा का प्रयाण करना उसकी उच्चगति में जाने के संकेत देता है। इस घटना को संकेत करते हुए गुरुदेव ने संघ एवं गुरु के प्रति मानव के उत्तरदायित्व को निभाने की प्रेरणा दी। अंत में गुरुदेव ने सभी को मांगलिक श्रवण करवाई। धर्मसभा को वरिष्ठ मुनिराज विररत्न विजयजी ने सम्बोधित कर जीवन को चार उद्देश्य के साथ जीने की प्रेरणा दी। मुनिराज प्रशमसेनजी ने भी मधुर वाणी से आशीर्वाद वचन प्रदान किये। गुरदेव के लिए स्वागत स्तवन पूर्वा व खुशी लुक्कड़ ने प्रस्तुत किया। धर्मसभा में गोरक्षा वाहिनी के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य राजू धानक, जगमोहनसिंह राठौर आदि ने भी गुरुदेव को कांबली ओढ़ाकर धर्मलाभ लिया। सभा का संचालन संजय फूलफगर ने किया।
यह रहे उपस्थित
गुरुदेव की धर्मसभा में श्रीसंघ अध्यक्ष कमलेश जैन दायजी, उमेश बी पीचा, आनंदीलाल पोरवाल, उमेश आर. पीचा, कनकमल भंडारी, रमणलाल मुथा, यतीश छिपानी, उमेश लुणावत, प्रितेश पोरवाल, सचिन सोनी, प्रतीक पीचा, नमन चत्तर, उज्जवल लुक्कड़, महिला मंडल अध्यक्ष , ममता दायजी, नम्रता कटारिया, परिषद की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य पूर्णिमा पोरवाल, लीला भंडारी, सुशीला मुथा, ललिता चत्तर, अनीता पोरवाल, हंसा पीचा, निशा पीचा, आशा नाहटा सहित बड़ी संख्या में समाजजन व गुरुभक्त उपस्थिति थे। उक्त जानकारी अखिल भारतीय राजेंद्र जैन नवयुवक परिषद के राष्ट्रीय सहमंत्री रुपेश पोरवाल ने दी। सकल संघ व बाहर से आये गुरुभक्तों के लिए श्रीसंघ ने स्वामी वात्सल्य का लाभ लिया।

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