जन्मजात बीमारी के बीच ललित पाटीदार ने अभी तक के जीवन में कई तरह के अनुभव किए हैं। इसमें कुछ अच्छे तो कछ बुरे हैं। बचपन में बच्चे साथ खेलने से कतराते थे, कुछ लोग पत्थर भी मारते थे।
रतलाम। रतलाम जिले के ग्राम नांदलेटा निवासी 17 वर्षीय ललित पाटीदार को देखने के बाद हर कोई अचंभित हो जाता है। वजह है ललित के पूरे चेहरे पर लंबे घने बालों का होना। वेयरवोल्फ सिंड्रोम के चलते हुई, दुर्लभ बीमारी से ललित कई परेशानियों के बीच अपने हौंसले को बुलंद रखे हुए है। आगे वह पुलिस में जाने के साथ ही अपना यूट्यूब चैनल भी आगे बढ़ना चाहता है।
बाल हनुमान भी समझा और बंदर भी
जन्मजात बीमारी के बीच ललित पाटीदार ने अभी तक के जीवन में कई तरह के अनुभव किए हैं। इसमें कुछ अच्छे तो कछ बुरे हैं। बचपन में बच्चे साथ खेलने से कतराते थे, कुछ लोग पत्थर भी मारते थे। कुछ ने बाल हनुमान समझकर मान भी दिया तो कुछ ने पत्थर भी मारे। परिवार व दोस्तों के सहयोग से समय निकल गया। सामान्य बच्चे, किशोर के रूप में जीवन जीने की इच्छा हमेशा मन में रहती है, लेकिन जो है, उसमें भी अब खुशी है।ललित की मां पर्वतबाई व पिता बंकटलाल हैं। खेती किसानी करने वाले इस परिवार को ललित के इलाज के लिए भी लंबी मशक्कत करना पड़ी। चिकित्सकों ने कंजेनिटल हायरट्राइकोसिस नामक बीमारी से पीड़ित ललित के लिए अब यह सामान्य बात हो गई है। चेहरे पर लंबे बाल के कारण देखने में भी परेशानी होती है।
पढ़ाई शुरू की तो बनते गए दोस्त
ललित गांव के ही शासकीय स्कूल में कक्षा 12 वीं पढ़ाई कर रहा है। अच्छा खिलाड़ी होने के साथ ही बाइक आदि भी चला लेता है। स्कूल जाने के साथ ही दोस्त भी बनते गए और सबके साथ वह खेलों में भी भाग लेता है।
चार बहनों का इकलौता भाई
ललित के घर में माता-पिता के साथ ही चार बहनें हैं। वह उनका इकलौता भाई है। अब उसकी दिनचर्या सामान्य हो गई है। डाक्टरों ने 21 वर्ष की उम्र के बाद उपचार व सर्जरी होने की संभावना जताई है। ललित ने बेहतर उपचार के लिए सरकार से भी उम्मीद जताई है।