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जिला आयुष अधिकारी को चार वर्ष की सजा, अपने ही विभाग के रिटायर अफसर से मांगी थी रिश्वत

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विशेष न्यायालय ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत तत्कालीन जिला आयुष अधिकारी डा. नीलम कटारा को अपने ही विभाग के रिटायर अधिकारी से चार हजार रुपये की रिश्वत लेने के मामले में दोषी पाते हुए 4 वर्ष की सजा सुनाई।

 रतलाम~~भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायालय ने तत्कालीन जिला आयुष अधिकारी डा. नीलम कटारा निवासी आसाराम नगर (मूल निवासी ग्राम ख्वासा जिला झाबुआ) को अपने ही विभाग के रिटायरा अधिकारी से चार हजार रुपये की रिश्वत लेने के करीब सात वर्ष पुराने मामले में दोषी पाते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13 (1) डी सहपठित धारा 13(2) में चार वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। साथ ही एक हजार रुपये का जुर्माना भी किया। फैसला मंगलवार को विशेष न्यायाधीश संतोषकुमार गुप्ता ने सुनाया। इसके बाद नीलम कटारा को जेल भेज दिया गया।

रिटायर अधिकारी से मांगी रिश्वत

अभियोजन के मीडिया सेल प्रभारी चौपसिंह ठाकुर ने बताया कि आयुष विभाग से सेवानिवृत्त जिला आयुष अधिकारी सुरेशचंद्र शर्मा ने लोकायुक्त एसपी कार्यालय उज्जैन में 26 अक्टूबर 2015 को लिखित शिकायत की थी कि 30 जून 2015 को रिटायर होने के बाद विभाग से होने वाले एनपीए (अव्यवसायी भत्ते) के 8.96 लाख रुपये के भुगतान के लिए तत्कालीन जिला आयुष अधिकारी डा. नीलम कटारा ने पांच हजार रुपये की रिश्वत मांगी। एसपी लोकायुक्त ने तत्कालीन निरीक्षक प्रशांत मुकादम को प्रकरण सौंपा था। निरीक्षक मुकादम ने डा. शर्मा को गोपनीय रूप से रिश्वत संबंधी बात रिकार्ड करने के लिए शासकीय डिजिटल वाइस रिकार्डर दिया था। डा. शर्मा ने नीलम कटारा द्वारा रिश्वत के चार हजार रुपये लेना तय करने की बातचीत रिकार्ड कर लोकायुक्त में दी।

इसके बाद तीन नवंबर 2015 की दोपहर निरीक्षक मुकादम दल लेकर स्थानीय त्रिपोलिया गेट के पास स्थित जिला आयुर्वेद चिकित्सालय के बाहर पहुंचे थे। डा. शर्मा द्वारा रुपये देकर इशारा करने पर टीम के सदस्यों ने डा. कटारा को पकड़ लिया था व उनके बैग से रिश्वत के चार हजार रुपये जब्त किए थे। विवेचना के बाद लोकायुक्त ने डा. कटारा के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया था। जुर्माना जमा नहीं भरने पर डा. कटारा को एक माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना पड़ेगा। प्रकरण में शासन की तरफ से पैरवी पूर्व सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सीमा शर्मा व वर्तमान जिला सहायक अभियोजन रोजर चौहान ने की।

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