शहर में कृषि भूमि पर काटी गई 44 काटेज कालोनियों को अवैध घोषित कर खरीद-बिक्री व निर्माण अनुमति जारी करने पर लगी रोक के बाद अब कालोनी सेल से कालोनाइजरों को नोटिस जारी होने शुरु गए हैं।
रतलाम । शहर में कृषि भूमि पर काटी गई 44 काटेज कालोनियों को अवैध घोषित कर खरीद-बिक्री व निर्माण अनुमति जारी करने पर लगी रोक के बाद अब कालोनी सेल से कालोनाइजरों को नोटिस जारी हो गए हैं। इधर कई अन्य काटेज कालोनियों को लेकर प्रशासन को शिकायतें मिल रही हैं। इसके चलते कार्रवाई का दायरा बढ़ने की संभावना है। सोमवार से कालोनाइजरों को नोटिस जारी होना शुरू हो गए। गत शुक्रवार को कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी के आदेश के बाद 44 कालोनियों के भूमि स्वामी, रकबा, सर्वे नंबर जारी किए थे। इसके बाद मंगलवार को जनसुनवाई में कुछ शिकायतें भी आई, जिसमें काटेज कालोनियों को लेकर तथ्य दिए गए हैं। इन शिकायतों को भी जांच के दायरे में लिया गया है। इधर कलेक्टर के निर्देशों के बाद कालोनाइजरों से उनका पक्ष जानने के लिए मंगलवार को भी नोटिस जारी होते रहे। नोटिस का जवाब आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
एसडीएम से फिर करवाएंगे जांच
अभी जिन कालोनियों की सूची दी गई है, इसमें सालाखेड़ी, विरियाखेड़ी, करमदी, सालाखेड़ी, बंजली, जामथून, सेजावता आदि क्षेत्र शामिल है। इन्हीं क्षेत्रों में बनी कई कालोनियां छूट गई हैं। जांच के बाद अवैध की सूची में इनका नाम जोड़ा जाएगा। कलेक्टर ने संबंधित कालोनियों में प्लाट की खरीद, बिक्री पर रोक लगा दी है, इस संबंध में पंजीयन विभाग व टीएनसीपी में सोमवार को कलेक्टर द्वारा जारी आदेश पहुंच गए। हालांकि मौखिक निर्देशों के बाद रजिस्ट्री नहीं की जा रही थी। आदेश के बाद संबंधित कालोनियों में खरीदी-बिक्री के सौदों का पंजीयन नहीं होगा।
इसी सप्ताह हो सकती है कालोनाइजरों पर एफआइआर
शहर में अवैध कालोनियों को वैध करने के लिए 55 कालोनियों की सूची सार्वजनिक कर आपत्ति लेने के बाद नगर निगम ने अब एफआइआर कराने की तैयारी कर ली है। अवैध से वैध करने की प्रक्रिया में एफआइआर कराना जरूरी है। इसके बाद ही आगे की प्रक्रिया की जा सकेगी। इसके चलते निगम ने 18 अक्टूबर को नोटिस जारी किया था। 2 नवंबर तक 15 दिन की समयावधि में 12 आपत्ति मिली थी। मंगलवार शाम तक इनके निराकरण के लिए निगम अमला जुटा रहा। निगम कार्यपालन यंत्री सुरेशचंद्र व्यास ने बताया कि आपत्तियों के निराकरण के साथ ही अब एफआइआर कराएंगे। इस संबंध में पुलिस प्रशासन को कालोनीवार प्रतिवेदन पुलिस को भेजा जाएगा।