थांदला (वत्सल आचार्य) —-झाबुआ ज़िलें के सबसे वयोवृद्ध सुश्रावक, जैन श्रीसंघ के आधार स्तम्भ, जैन धर्म उपासक गेंदालाल शाहजी का 112 वर्ष की दीर्घायु में निधन हो गया। शाह ने अपने जीवन काल में आजादी के अनेक आंदोलन को नजदीक से देखा है, उनकी दिनचर्या भी देशभक्ति व धार्मिक भावनाओं से ओतप्रोत रही है। योग व साधनामय सात्विक कारणों से अपने लम्बे जीवन में शाह ने साधुमार्गी संघ के 4-4 आचार्य जिसमें थांदला के जैनाचार्य जवाहरलालजी म.सा., उमेशमुनिजी म.सा., नानालालजी म.सा. से लेकर वर्तमान आचार्य श्री रामेशमुनिजी का सानिध्य पाया है। अपने अंतिम समय तक वे प्रातः 5 बजे उठकर प्रभु भजनों को गाया करते थे वही अकेले ही सभी साधु – संतों के दर्शन वंदन का लाभ लेते थे। व्यवहारिक जीवन की यदि बात की जाए तो थांदला में लाल पत्थरों से पूरी प्रामाणिकता से व्यापार की शुरुआत की व उन्होनें यही शिक्षा अपने रमेशचंद, सुजानमल, प्रकाशचन्द्र, महेश, अनिल सहित 11 संतानों के साथ पौते पोतियों नाती सभी को दी। उनके द्वारा अपने माता-पिता की सेवा के संस्कार आज भी पूरे शाहजी परिवार में समाए हुए है यही कारण है कि सभी शाहजी परिवार के सदस्य बड़ो की चरण वंदना कर ही अपने दैनिक जीवन की शुरुआत करते आ रहे है। यशस्वी जीवन को याद करते हुए उनके निधन पर समाजसेवी विश्वास सोनी , नगर परिषद अध्यक्ष लक्ष्मी सुनील पाणदा, सकल जैन श्रीसंघ अध्यक्ष जितेंद्र घोड़ावत, सचिव प्रदीप गादिया, मूर्तिपूजक संघ अध्यक्ष कमलेश जैन, सचिव मयूर तलेरा , दिगम्बर समाज अध्यक्ष अरुण कोठारी, इन्द्रवर्धन मेहता, तेरापंथ सभा अध्यक्ष अरविंद रुनवाल, संतोष श्रीमाल धर्मदास गण परिषद के भरत भंसाली, आईजा जिलाध्यक्ष जितेंद्र सी घोड़ावत, नगर परिषद उपाध्यक्ष पंकज राठौड़, नेशनल टीवी डायरेक्टर पवन नाहर, ललित जैन नवयुवक मंडल अध्यक्ष रवि लोढ़ा, अखिलेश श्रीमाल, राजेन्द्र तरुण परिषद अध्यक्ष सचिन जैन, प्रतीक पीचा, जैन सोशल ग्रुप अध्यक्ष महावीर गादिया, अटल सामाजिक संस्थाध्यक्ष राजू धानक, पत्रकार संघ के अक्षय भट्ट, राजू वैद्य सहित अन्य समाजजनों, जनप्रतिनिधियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की है।