RATLAM

यह कैसा शहर: प्लास्टिक की सुरक्षा में कर रहे व्यवसाय

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रतलाम। ऐसा जिला जो अब महानगर बनने की ओर अग्रसर हो रहा है, लेकिन यहां कॉलोनियों की सड़कें गांव से भी बद्तर है। जनप्रतिनिधियों के साथ ही प्रशासन के दावें भी यहां आकर धूल खा जाते हैं। धूल से बचने के लिए दुकानदारों को मजबूरन दुकानों को आगे प्लास्टिक बांध कर व्यवसाय करना पड़ता है। अगर ऐसा नहीं करें तो मुख्य सड़क की सारी धूल दुकान और सामग्री पर चढ़ जाती है।

हम बात कर रहे शहर के जवाहर नगर क्षेत्र की मुख्य सड़क की, पूरी तरह खुद चुकी है। जहां के बासिन्दे सुबह से लेकर रात तक ऐसे ही धूल भरे वातावरण में अपना जीवन यापन करने को मजबूर है, लेकिन जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे। क्षेत्रवासियों का कहना है कि दो-तीन बार तो इसका भूमिपूजन हो चुका है, लेकिन निर्माण आज तक नहीं शुरू हुआ।
क्षेत्रवासियों का कहना है सड़क इतनी खराब हो चुकी है कि यहां से गुजरना भी मुश्किल हो गया है, आए दिन वाहनों के आने पर गिट्टी उडऩे से चोंट लगने का डर बना रहता है। वाहनों के आवागमन के दौरान पूरे दिन धूल उड़ती रहती है। क्षेत्र में पानी की समस्या बनी रहती है, कोई समय नहीं कब नल आएंगे। इस कारण काम धंधा छोड़कर कभी कभी घर भागना पड़ता है।
ना जाने कब बनेगी सड़क
ुपूर्व और वर्तमान महापौर यहां आए देखा और भूमिपूजन पर कर दिया, लेकिन दस सालों में सड़क के गड्ढे से निजात नहीं मिली। पूरी सड़क छलनी हो गई है, कोई ध्यान नहीं दे रहा। यह राम राममंदिर से गांधी नगर तक की मुख्य सड़क होकर हजारों वाहनों के साथ पैदल रहवासियों को गुजरना होता है। पूरे दिन धूल उड़ती रहती है।
मांगीलाल गुर्जर, जवाहर नगर रहवासी
प्लास्टिक लगाकर करते व्यवसाय
मैरी कॉस्मेटिक की दुकान है, सारी महिलाओं से जुड़ी शृंगार सामग्री भर हुई है। पूरे दिन प्लास्टिक दुकान के सामने टांगकर रखना पड़ता है नहीं तो सड़क की धूल सारे सामान खराब कर देती। इस समस्या से जिम्मेदारों को निजात दिलाना चाहिए, ताकि लोग यहां सकुन से रह सके। नलों के भी ठिकाने नहीं है कब आते और कब जाते।
सुमन मेवाड़, जवाहर नगर रहवासी
मैं सिलाई का काम करता हूं, लेकिन मुख्य सड़क पर इतनी धूल उड़ती है कि मजबूरन प्लास्टिक लगाकर बैठना पड़ता है। ऐसा नहीं करें तो नये कपड़े कोई पहनना पसंद नहीं करेंगा। फिर भी दिन भर उड़ती धूल कपड़ों पर जम जाती है। जनप्रतिनिधियों को चाहिए की इस समस्या से निजात दिलाए।
लीलाशंकर पाटीदार, जवाहर नगर रहवासी

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