RATLAM

कंपनी को मात देते दुधि के जूते

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कंपनी को मात देते दुधि के जूते

रतलाम/ धार जिले के दूधि ग्राम से आए शिल्पकार ने कंपनी के जूतों से बेहतर विकल्प दिया है और आम लोगों की जेब की सामर्थ्य अनुसार उच्च गुणवत्ता के शुद्ध लेदर के जूते बनाए हैं।

रतलाम के रोटरी क्लब हालअजंता टाकीज रोड में संत रविदास मध्यप्रदेश हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम ने प्रदर्शनी लगाई है। इस प्रदर्शनी में प्रदेश के ऐसे शिल्पकार शामिल हुए हैं जो आज के आधुनिक युग में मशीनों से तो दूर है ही साथ ही हाथों से काम करके परम्परागत क्षेत्र विशेष की विशेषता वाली सामग्री का विक्रय एवं प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे ही एक शिल्पकार हैं धार जिले के ग्राम दूधि के निवासी प्रमोद पल्ले और उनकी पत्नी सीमा पल्ले। कंपनी के जूते मशीन से बनकर तैयार होते हैं उनके लिए मार्केंटिंग के प्रबंध जरूरत होती है और विज्ञापन आदि के आधार पर जूते की कीमत आम आदमी की क्षमता से बाहर हो जाती हैलेकिन प्रमोद और सीमा ने आम लोगों को भी अपने हुनर से नामी कंपनियों के समानांतर टिकाऊ और मजबूत जूते और चप्पलों को विशाल श्रृंखला दे रहे हैं।

म.प्र. सरकार ने दुधि गांव के शिल्पकारों के लिए गांव में विशेष प्रबंध किएउन्हें मशीन उपलब्ध कराई तो वहां लोग पहुचने लगेलेकिन बायपास बनने के बाद गांव मुख्य मार्ग से कट गया जिससे अब यह शिल्पी प्रदेश में निगम के द्वारा लगने वाले मेले में पहुंचने लगे हैं और इसी श्रृंखला में रतलाम के रोटरी क्लब हालअजंता टाकीज रोड में आए हैं। यह शिल्पी हेदराबाद और चेन्नई से कच्चा लेदर अलग-अलग शेड और डिजाईन में चप्पल और जूते बना रहे हैं। आधुनिकता की मांग को पूरी करने के लिए लेटेस्ट जूते-चप्पल भी इनके पास हैं। जो पहनने में आरामदायक हैं।

 

मेला प्रभारी श्री दिलीप सोनी ने बताया कि मेले में जितने भी शिल्पकार है उनके हाथों की कारिगरी देखने के लिए लोगों को आना चाहिए। दूरदराज से आए यह शिल्पकार किस प्रकार अपनी सामग्री का निर्माण करते हैं यह जानना चाहिए। मेला सुबह 11 बजे से रात्रि 9 बजे तक आम जनता के लिए खुला है और शिल्पी अपनी सामग्री के विक्रय और प्रदर्शन के लिए तत्समय तैयार है।

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