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भारत के संविधान को समझने के लिए रोज संविधान का एक पेज पढ़ना चाहिए युवाओं को~~मनाया संविधान दिवस

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उपभोक्ता फोरम की सदस्य ने कहा

शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय राजनीति विज्ञान विभाग ने मनाया संविधान दिवस

हरमुद्दा
रतलाम, 26 नवंबर। भारत में हस्तलिखित संविधान है। जिसे बनाने में 02 वर्ष 11 माह एवं 18 दिन लगें। इतना लंबा समय एक श्रेष्ठ संविधान का उदाहरण है। आज के युवा मोबाइल में उलझे रहते है। युवाओं को भारत के संविधान को समझने के लिए रोज संविधान का एक पेज पढना चाहिए और आज सब नेट पर उपलब्ध है। भारत के संविधान को पढे, विवेकानन्द को पढे, बाबा साहिब को पढे और संविधान को समझे।यह बात उपभोक्ता फोरम की सदस्य जयमाला संघवी ने कही। श्रीमती संघवी शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय के राजनीति विभाग द्वारा आयोजित संविधान दिवस के कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता मौजूद थी। मुख्य अतिथि प्रभारी प्राचार्य डॉ. पी. सी. पाटीदार थे। राजनीति विज्ञान विभाग के द्वारा संविधान दिवस ”भारत प्रजातंत्र की जननी” विषय पर व्याख्यान हुआ।

विश्व के देशों के संविधान का अध्ययन करके बनाया भारतीय संविधान

मुख्य अतिथि डॉ. पाटीदार ने संविधान के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि भारत का संविधान विस्तृत संविधान है। डॉ. अम्बेडकर जी ने विश्व के देशों के संविधान का अध्ययन करके भारतीय संविधान का निर्माण किया गया है। इसमें मौलिक अधिकार, नीति निर्देशक तत्व आदि महत्वपूर्ण तत्वों का समावेश किया गया है। भारत के संविधान की सर्वोच्चता को बनाकर रखा गया है। जो कि भारतीय संविधान को मजबूत करता है।

यह थे मौजूद

राजनीति विज्ञान की विभागाध्यक्ष एवं कार्यक्रम संयोजक डॉ. सुशीला आर्य ने संविधान दिवस के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम में डॉ. कविता ठाकुर, प्रो. दिव्या पाटीदार का कार्यक्रम में विशेष सहयोग रहा।  कार्यक्रम में डॉ. स्वाति पाठक, डॉ. ललिता मरमट, डॉ. अर्चना भट्ट, डॉ. कृष्णा अग्रवाल, डॉ. गोपाल खराडी, प्रो. नीरज आर्य राजनीति विज्ञान के समस्त प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया। मंचासीन अतिथियों का स्वागत कच्चे सूत की माला से किया। संचालन डॉ. रियाज मन्सुरी ने किया।

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